उत्तर प्रदेश से सभी 10 प्रत्याशी निर्विरोध राज्यसभा के लिए निर्वाचित
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की दस राज्यसभा सीटों के लिए सोमवार को सभी उम्मीदवर निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। राज्य में दस सीटों पर 3 नवंबर को चुनाव होना था। सपा समर्थित निर्दलीय प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज होने के बाद दस ही उम्मीदवार मैदान में थे। ऐसे में मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी, सभी को निर्विरोध चुन लिया गया। भाजपा से आठ, सपा से एक और बसपा से भी एक प्रत्याशी उच्च सदन पहुंचा है।
उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी. बीएल वर्मा, बृजलाल, अरुण सिंह और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। बसपा से रामजी गौतम राज्यसभा सदस्य बने हैं। वहीं समाजवादी पार्टी की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव एक बार फिर निर्वाचित हुए हैं।
राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा में भाजपा के 304 विधायक हैं। 296 विधायकों के दम पर बीजेपी की आठ सीटों पर जीत पक्की थी। आठ सीटें जिताने के बाद बीजेपी के पास अपने आठ विधायक बचते। जबकि, नौ विधायक बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास हैं। कुछ अन्य का भी बीजेपी को समर्थन है। ऐसे में माना जा रहा था कि भाजपा नौ प्रत्याशी उतारेगी। भाजपा ने आठ प्रत्याशी उतारे जबकि एक प्रत्याशी बसपा ने उतारा। वहीं सपा एक कैंडिडेट अपने दम पर जिता सकती थी। सपा ने प्रकाश बजाज को समर्थन देकर आखिर में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतार दिया। इससे चुनाव होने की स्थिति पैदा हो गई और बसपा के लिए सीट जीतना भी मुश्किल लगने लगा लेकिन पर्चा बजाज का पर्चा खारिज कर दिया गया। जिससे चुनाव नहीं हुआ। इस पूरे घटनाक्रम में सपा और बसपा के बीच काफी तनातनी भी देखने को मिली। बसपा के सात विधायकों ने भाजपा के कथित समर्थन के विरोध में बागी तेवर भी अपनाए हुए हैं।