बिहार NDA में मचा घमासान, JDU में जाने की तैयारी में उपेंद्र कुशवाहा के सभी विधायक
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नई दिल्ली। एनडीए सहयोगी जदयू और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के बीच की दूरी कम होने का नाम नहीं ले रही है। जानकारी के अनुसार आरएलएसपी के दोनों विधायकों को रविवार को जदयू में शामिल होने का न्योता मिला है। जिस तरह से भाजपा इस विवाद में हस्तक्षेप करने से कतरा रही है उसके बाद माना जा रहा है कि आरएलएसपी एनडीए से अलग होने का मन बना रही है। माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में ही आरएलएसपी एनडीए से अलग हो जाएगी।
सार्वजनिक रूप से नीतीश के खिलाफ खोला मोर्चा
आरएलएसपी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार की आलोचना की थी, उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का समय मांगा है। आरएलएसपी के विधायक सुधांशु शेखर और लल्लन पासवान ने जदयू के शीर्ष नेताओँ सेस मुलाकात की है, जिसमे पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि दोनों को मंत्री पद का न्योता दियागया है और सासाराम लोकसभा सीट का भी प्रस्ताव दिया गया है। आपको बता दें कि शेखर मधुबनी के हरलखी से तो पासवान रोहतास के चेनारी से विधायक हैं।
तमाम नेताओं से करेंगे मुलाकात
कुशवाहा ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि नीतीश कुमार के विधायकों को तोड़ने का जबरदस्त क्षमता है। जब बीएसपी, राजद और लोकजनशक्ति पार्टी के बीच टकराव हुआ था तो वह उनकी पार्टी के पीछे पड़ गए थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को यह पता होना चाहिए कि जिस तरह से दहेज मांगना अपराध है वैसे ही विधायकों की खरीद-फरोक्त करना भी अपराध है, मैंने अमित शाह से मिलने का समय मांगा है और एलएजपी के मुखिया राम विलास पासवान से भी मुलाकात करूंगा।
भाजपा का दांव
सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने अभी तक कुशवाहा को मिलने का समय नहीं दिया है। दरअसल जदयू और आरएलएसपी दोनों का ही सामाजिक आधार लगभग समान है और जिस तरह से नीतीश कुमार ने फिर से एनडीए में शामिल हुए हैं उसके बाद कुशवाहा पर लगाता दबाव बना हुआ है। जानकारी के अनुसार भाजपा ने आरएलएसपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 2 सीटें देने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन कुशवाहा चार सीट से कम के लिए तैयार नहीं हैं।
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