UP Budget 2019: एक नजर में योगी सरकार का पूरा बजट
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में 04 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये (4.79 लाख करोड़ रुपये) का बजट पेश किया। ये बजट चालू वित्त-वर्ष की तुलना में 12 फीसदी अधिक है। लोकसभा चुनावों से पहले यूपी की योगी सरकार ने किसानों, नौजवानों, व्यापारियों और महिलाओं को ध्यान में रखते हुए ये बजट पेश किया। सीएम योगी ने बजट पेश किए जाने के बाद कहा कि सरकार ने सभी को ध्यान में रखते हुए बजट में कई सारी चीजों को शामिल करने का काम किया हैं। इस बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं। जानिए, योगी सरकार के पूरे बजट के बारे में....
कानून व्यवस्था
प्रदेश
के
36
नये
थानों
के
निर्माण,
पुलिसकर्मियों
एवं
पी.ए.सी.
के
प्रशिक्षण
क्षमता
में
विस्तार
और
पुलिसकर्मियों
के
लिए
बैरक
निर्माण
हेतु
700
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
पुलिस
विभाग
में
टाइप-ए
एवं
टाइप-बी
के
आवासीय
भवनों
के
निर्माण
हेतु
700
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
प्रदेश
में
नवसृजित
जनपदों
में
07
पुलिस
लाइनों
के
निर्माण
हेतु
400
करोड़
रुपये
का
प्राविधान।
प्रदेश
में
57
फायर
स्टेशनों
पर
आवासीय
तथा
अनावासीय
भवनों
के
निर्माण
हेतु
200
करोड़
रुपये
का
प्राविधान।
पुलिस
आधुनिकीकरण
हेतु
204
करोड़़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास
सरकारी
क्षेत्र
की
बन्द
पड़ी
चीनी
मिलों
के
पुनर्संचालन
हेतु
50
करोड़
रुपए
की
व्यवस्था।
सहकारी
क्षेत्र
की
बंद
चीनी
मिलों
को
पी.पी.पी.
पद्धति
से
पुनर्संचालित
किये
जाने
हेतु
25
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित
है
।
कृषि एवं सहकारिता
राष्ट्रीय
कृषि
विकास
योजना
हेतु
892
करोड़
रुपये
का
प्राविधान।
नेशनल
क्रॉप
इन्श्योरेंस
प्रोग्राम
हेतु
450
करोड़
रुपये
का
प्राविधान।
उर्वरकों
के
पूर्व
भण्डारण
योजना
हेतु
वित्तीय
वर्ष
2019-2020
के
बजट
में
150
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
विपणन
वर्ष
2019-20
हेतु
1840
रुपये
प्रति
कुन्तल
की
दर
से
6000
क्रय
केन्द्रों
के
माध्यम
से
गेहूँ
क्रय
किया
जाना
प्रस्तावित।
वर्ष
2019-20
में
60.51
लाख
कुन्तल
बीज
वितरण
का
लक्ष्य।
इसी
तरह
77.26
लाख
मीट्रिक
टन
उर्वरक
वितरण
का
लक्ष्य।
कृषि विपणन
भण्डारण
की
व्यवस्था
सुदृढ़
करने
के
लिये
40
मण्डी
स्थलों
में
प्रत्येक
5
हजार
मीट्रिक
टन
के
भण्डार
गृह
राज्य
भण्डारण
निगम
की
पार्टनरशिप
में
निर्मित
कराने
का
कार्य
आरम्भ।
प्रदेश
के
ग्रामीण
अंचलों
में
लग
रहे
500
हाट-पैठ
का
विकास
150
करोड़
रुपये
की
लागत
से
मण्डी
परिषद
द्वारा
कराए
जाने
का
निर्णय।
पशुपालन एवं दुग्ध विकास
प्रदेश
में
गौ
वंश
संवर्द्धन
हेेतु
सरकार
प्रतिबद्ध
है।
इस
हेतु
पशु
पालन
एवं
दुग्ध
विकास
के
अलावा
अन्य
विभागों
का
भी
सहयोग
लिया
जा
रहा
है।
प्रदेश
में
मदिरा
की
बिक्री
पर
विशेष
फीस
अधिरोपित
की
गई
है
जिससे
प्राप्त
होने
वाले
अनुमानित
राजस्व
165
करोड़
रुपये
का
उपयोग
प्रदेश
के
निराश्रित
एवं
बेसहारा
गौ
वंश
के
भरण-पोषण
हेतु
किया
जायेगा।
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
गौ
वंश
के
रख-रखाव
एवं
गौशाला
निर्माण
कार्य
हेतु
247.60
करोड़
रुपये।
शहरी
क्षेत्रों
में
कान्हा
गौशाला
एवं
बेसहारा
पशु
आश्रय
योजना
हेतु
200
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
पं.
दीन
दयाल
उपाध्याय
लघु
डेयरी
योजना
के
संचालन
हेतु
64
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
है,
जिसके
अन्तर्गत
10
हजार
इकाइयों
की
स्थापना
किया
जाना
प्रस्तावित।
मथुरा
में
नई
डेयरी
की
स्थापना
हेतु
56
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
उत्तर
प्रदेश
दुग्ध
नीति,
2018
के
अन्तर्गत
विभिन्न
कार्यक्रमों
हेतु
वित्तीय
वर्ष
2019-20
के
बजट
में
5
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
दुग्ध
संघों
तथा
समितियों
का
सुदृढ़ीकरण,
पुनर्गठन
एवं
विस्तारीकरण,
कृषक
प्रशिक्षण,
तकनीकी
निवेश,
पशु
प्रजनन
तथा
स्वास्थ्य
कार्यक्रम
योजनाओं
हेतु
93
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
मत्स्य
मत्स्य
पालक
फण्ड
हेतु
25
करोड़
रुपये।
मत्स्य
पालक
विकास
अभिकरण
को
वित्तीय
सहायता
हेतु
लगभग
8
करोड़
82
लाख
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
ग्राम्य विकास
प्रधानमंत्री
आवास
योजना-
ग्रामीण
हेतु
वित्तीय
वर्ष
2019-20
के
बजट
में
6,240
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गारण्टी
योजना
के
क्रियान्वयन
हेतु
3,488
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
बुन्देलखण्ड,
विन्ध्य
क्षेत्र
एवं
गुणता
प्रभावित
ग्रामों
में
पाईप
पेयजल
योजना
हेतु
3,000
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
राष्ट्रीय
ग्रामीण
पेयजल
कार्यक्रम
हेतु
2,954
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
राष्ट्रीय
ग्रामीण
आजीविका
मिशन
हेतु
1,393
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
मुख्यमंत्री
आवास
योजना-ग्रामीण
हेतु
वित्तीय
वर्ष
2019-20
के
बजट
में
429
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
श्यामा
प्रसाद
मुखर्जी
रूर्बन
मिशन
हेतु
224
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
विधान
मण्डल
क्षेत्र
विकास
निधि
के
अन्तर्गत
वित्तीय
वर्ष
2019-20
में
1008
करोड़
रुपये
की
धनराशि
की
व्यवस्था
विकास
कार्यों
हेतु
एवं
201
करोड़
60
लाख
रुपये
की
व्यवस्था
जी.एस.टी.
के
भुगतान
हेतु
प्रस्तावित।
पंचायतीराज
स्वच्छ
भारत
मिशन-ग्रामीण
हेतु
6,000
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
प्रदेश
के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
अन्त्येष्टि
स्थलों
के
विकास
हेतु
100
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
प्रदेश
की
ग्राम
पंचायतों
में
750
पंचायत
भवनों
का
निर्माण
कराये
जाने
हेतु
14
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
काँजी
हाउस
की
स्थापना
एवं
पुनर्निर्माण
कराये
जाने
हेतु
20
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
ग्रामीण
क्षेत्र
के
युवाओं
को
खेल
और
रचनात्मक
कार्र्यों
के
प्रति
प्रोेत्साहित
करने
हेतु
युवक
मंगल
दल
योजना
के
लिये
25
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
लघु सिंचाई
निःशुल्क
बोरिंग
योजना
हेतु
55
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
मध्यम
गहरे
नलकूप
योजना
के
अंतर्गत
70
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
प्रदेश
के
पठारी
क्षेत्रों
में
सिंचाई
हेतु
सामुदायिक
ब्लास्ट
कूपों
के
निर्माण
तथा
जीर्णोंद्धार
हेतु
20
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था़
प्रस्तावित।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
एक्सप्रेस-वे
के
निर्माण
के
लिए
कुल
3194
करोड़
रूपये
की
व्यवस्था,
जिसमें
पूर्वांचल
एक्सप्रेस-वे
हेतु
1194
करोड़
रूपये,
बुंदेलखण्ड
एक्सप्रेस-वे
हेतु
1,000
करोड़
रुपये
तथा
गोरखपुर
लिंक
एक्सप्रेस-वे
हेतु
1,000
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
बुन्देलखण्ड
एक्सप्रेस-वे
के
साथ
डिफेन्स
काॅरिडोर
विकसित
किये
जाने
के
लिए
भूमि
अधिग्रहण
हेतु
500
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
आगरा-लखनऊ
प्रवेश
नियंत्रित
06
लेन
एक्सप्रेस-वे
(ग्रीन
फील्ड)
परियोजना
के
सुदृढ़ीकरण
हेतु
100
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
अवस्थापना
एवं
औद्योगिक
निवेश
नीति,
2012
के
क्रियान्वयन
हेतु
600
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
नई
औद्योगिक
नीति
'औद्योगिक
निवेश
एवं
रोजगार
प्रोत्साहन
नीति,
2017'
हेतु
482
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
औद्योगिक
निवेश
प्रोत्साहन
योजना,
2003
हेतु
120
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
औद्योगिक
निवेश
प्रोत्साहन
योजना,
2012
हेतु
180
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग
एक
जनपद
एक
उत्पाद
योजना
हेतु
250
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
प्रदेश
में
युवाओं
को
स्वरोजगार
से
जोड़ने
हेतु
मुख्यमंत्री
युवा
स्वरोजगार
योजना
हेतु
100
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
प्रदेश
के
परंपरागत
कारीगरों
यथा
बढ़ई,
दर्जी,
टोकरी
बुनकर,
सुनार,
लोहार,
कुम्हार,
हलवाई,
नाई,
मोची,
राजमिस्त्री
के
उत्थान
के
लिए
विश्वकर्मा
श्रम
सम्मान
योजना
प्रारम्भ
की
गई
है
जिसके
लिये
30
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
सूक्ष्म,
लघु
एवं
मध्यम
उद्यम
प्रोत्साहन
नीति-2017
के
क्रियान्वयन
हेतु
10
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग
पॉवरलूम
बुनकरों
को
रियायती
दर
पर
बिजली
उपलब्ध
कराये
जाने
हेतु
150
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
उत्तर
प्रदेश
हैण्डलूम,
पावरलूम,
सिल्क,
टेक्सटाइल्स
एण्ड
गारमेन्टिंग
पाॅलिसी,
2017
हेतु
50
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
खादी एवं ग्रामोद्योग
मुख्यमंत्री
ग्रामोद्योग
रोजगार
योजना
हेतु
5
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
प्रदेश
में
मिट्टी
के
कार्य
करने
वाले
शिल्पियों
के
परम्परागत
व्यवसाय
को
नवाचार
के
माध्यम
से
संरक्षित
एवं
सवंर्द्धित
करने
हेतु
उत्तर
प्रदेश
माटी
कला
बोर्ड
का
गठन
किया
गया
है।
माटी
कला
समन्वित
विकास
कार्यक्रम
के
संचालन
हेतु
10
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
'आयुष्मान
भारत-नेशनल
हेल्थ
प्रोटेक्शन
मिशन'
योजना
हेतु
1,298
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
प्रधानमंत्री
मातृ
वंदना
योजना
हेतु
291
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
आयुष्मान
भारत-नेशनल
हेल्थ
प्रोटेक्शन
मिशन
योजना
की
सुविधा
से
वंचित
पात्र
लाभार्थियों
के
लिये
राज्य
सरकार
द्वारा
अपने
संसाधनों
से
मुख्यमंत्री
जन
आरोग्य
अभियान
से
आच्छादित
करने
हेतु
111
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
प्रदेश़
के
जनपदों
में
100
शैय्यायुक्त
चिकित्सालयों
की
स्थापना
हेतु
47
करोड़
50
लाख
रुपये
की
व्यवस्था।
चिकित्सा-शिक्षा
प्रदेश
के
चिन्हित
जिला
चिकित्सालयों
को
मेडिकल
कॉलेजों
में
उच्चीकृत
किये
जाने
की
योजना
के
अंतर्गत
908
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
किंग
जॉर्ज
मेडिकल
यूनिवर्सिटी,
लखनऊ
के
विभिन्न
कार्यों
हेतु
907
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
जनपद
बलरामपुर
में
किंग
जार्ज
मेडिकल
यूनिवर्सिटी,
लखनऊ
के
सेटेलाइट
सेण्टर
की
स्थापना
हेतु
25
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
एस.जी.पी.जी.आई.
लखनऊ
के
विभिन्न
कार्यों
हेतु
854
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
डॉ.
राम
मनोहर
लोहिया
संस्थान
के
विभिन्न
कार्यों
हेतु
396
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
ग्रामीण
आयुर्विज्ञान
संस्थान,
सैफई
हेतु
357
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
कैंसर
संस्थान,
लखनऊ
के
विस्तार
एवं
विकास
हेतु
248
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
माननीय
अटल
बिहारी
वाजपेयी
चिकित्सा
विश्वविद्यालय,
लखनऊ
की
स्थापना
हेतु
50
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
प्रदेश
में
एक
आयुष
विश्वविद्यालय
की
स्थापना
हेतु
10
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
नागरिक उड्डयन
प्रदेश
में
हवाई
पट्टियों
के
निर्माण,
विस्तार
तथा
सुदृढ़ीकरण
हेतु
1000
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
जेवर
एयरपोर्ट
हेतु
भूमि
अधिग्रहण
के
लिए
800
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
अयोध्या
में
एयरपोर्ट
हेतु
200
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
उत्तर
प्रदेश
नागर
विमानन
प्रोत्साहन
नीति,
2017
तथा
रीजनल
कनेक्टिविटी
स्कीम
के
अन्तर्गत
वायुसेवा
उपलब्ध
कराये
जाने
हेतु
150
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
वन एवं पर्यावरण
इस
वर्ष
मनरेगा
वित्त
पोषित
वृक्षारोपण
की
3
नई
योजनाएं
"मुख्यमंत्री
सामुदायिक
वानिकी
योजना,"
"मुख्यमंत्री
फलोद्यान
योजना"
एवं
"मुख्यमंत्री
कृषक
वृक्ष
धन
योजना"
प्रारम्भ
की
गई
है
।
उत्तर
प्रदेश
प्रतिकारात्मक
वनरोपण
निधि
प्रबन्ध
योजना
के
क्रियान्वयन
हेतु
200
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
22
करोड़
पौध
रोपण
का
लक्ष्य।
राजस्व
वित्तीय
वर्ष
2019-20
में
प्रदेश
के
विभिन्न
मण्डलों,
जनपदों
तथा
तहसीलों
के
अनावासीय
तथा
आवासीय
भवनों
के
चालू
निर्माण
कार्य,
नवनिर्माण
एवं
पुनर्निर्माण
तथा
भूमि
क्रय
एवं
भवनों
के
रख-रखाव
हेतु
237.95
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
आपदा
मोचन
निधि
में
1820
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
मुख्यमंत्री
किसान
एवं
सर्वहित
बीमा
योजना
हेतु
845
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
लोक निर्माण
वित्तीय
वर्ष
2019-20
में
लोक
निर्माण
विभाग
के
अधीन
सड़कों
के
निर्माण
हेतु
13,135
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
तथा
सड़कों
के
अनुरक्षण
हेतु
3,522
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
पुलों
के
निर्माण
एवं
रख-रखाव
हेतु
2,100
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
ग्रामों
तथा
बसावटों
को
पक्के
सम्पर्क
मार्गों
से
जोड़ने
हेतु
विभिन्न
योजनाओं
के
अन्तर्गत
वर्ष
2019-20
में
कुल
850
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
अन्तर्राज्यीय
एवं
अन्तर्राष्ट्रीय
सीमा
पर
स्थित
मार्गों
एवं
अन्य
महत्वपूर्ण
मार्गों
का
चैड़ीकरण
तथा
सुदृढ़ीकरण
किया
जाना
है।
इसके
लिए
वर्ष
2019-20
में
1,174
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
वित्तीय
वर्ष
2019-20
में
केन्द्रीय
मार्ग
निधि
योजना
हेतु
2,010
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
विश्व
बैंक
की
सहायता
से
प्रस्तावित
उत्तर
प्रदेश
कोर
रोड
नेटवर्क
परियोजना
के
अन्तर्गत
मार्ग
निर्माण
कार्यों
हेतु
350
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
एशियन
डेवलपमेंट
बैंक
की
सहायता
से
प्रस्तावित
उत्तर
प्रदेश
मुख्य
जिला
विकास
परियोजना
के
अन्तर्गत
मार्ग
निर्माण
हेतु
614
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
नाबार्ड
वित्त
पोषित
आर.आई.डी.एफ.
योजना
के
अंतर्गत
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
मार्गों
के
नवनिर्माण,
चैड़ीकरण
तथा
सुदृढ़ीकरण
एवं
सेतुओं
के
निर्माण
हेतु
702
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
विशेष
क्षेत्र
कार्यक्रम
के
अन्तर्गत
पूर्वांचल
की
विशेष
योजनाओं
हेतु
300
करोड़
रुपये
तथा
बुंदेलखण्ड
की
विशेष
योजनाओं
के
लिये
200
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
सिंचाई
मध्य
गंगा
नहर
योजना-द्वितीय
चरण
हेतु
1,727
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
सरयू
नहर
राष्ट्रीय
परियोजना
के
कार्यों
हेतु
1812.56
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
अर्जुन
सहायक
परियोजना
हेतु
953
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
सरयू
नहर
परियोजना
फेज-3
समादेश
क्षेत्र
विकास
एवं
जल
प्रबन्ध
कार्यक्रम
हेतु
500
करोड़
रुपये
तथा
अर्जुन
नहर
परियोजना
समादेश
क्षेत्र
विकास
एवं
जल
प्रबन्ध
कार्यक्रम
हेतु
100
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
बाढ़
नियंत्रण
एवं
जल
निकासी
परियोजनाओं
हेतु
1100.61
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित
है
।
कनहर
सिंचाई
परियोजना
हेतु
500
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
बाणसागर
परियोजना
हेतु
122
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
आवास एवं शहरी नियोजन
अवस्थापना
सुविधाओं
के
विकास
संबंधी
कार्यों
हेतु
300
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
कानपुर
मेट्रो
रेल
परियोजना
तथा
आगरा
मेट्रो
रेल
परियोजना
हेतु
175-175
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
वाराणसी,
मेरठ,
गोरखपुर,
प्रयागराज
एवं
झाँसी
में
मेट्रो
रेल
परियोजनाओं
के
प्रारम्भिक
कार्यों
हेतु
150
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
काॅरीडोर
रीजनल
रैपिड
ट्रांजिट
सिस्टम
परियोजना
हेतु
400
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
नगर विकास
प्रधानमंत्री
आवास
योजना-शहरी
हेतु
5,156
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
अमृत
योजना
हेतु
2,200
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
स्मार्ट
सिटी
मिशन
योजना
हेतु
2,000
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
स्वच्छ
भारत
मिशन-शहरी
योजना
हेतु
1,500
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
मुख्यमंत्री
नगरीय
अल्पविकसित
व
मलिन
बस्ती
विकास
योजना
हेतु
426
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
पंडित
दीनदयाल
उपाध्याय
आदर्श
नगर
पंचायत
योजना
हेतु
200
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
नियोजन
बुंदेलखण्ड
की
विशेष
योजनाओं
के
लिये
वर्ष
2019-2020
में
रुपये
810
करोड़
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
त्वरित
आर्थिक
विकास
योजना
के
लिए
1,000
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित
।
बेसिक शिक्षा
समग्र
शिक्षा
अभियान
हेतु
18,485
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
मध्याह्न
भोजन
कार्यक्रम
हेतु
2,275
करोड़
रूपये
की
बजट
व्यवस्था।
प्राथमिक
एवं
उच्च
प्राथमिक
विद्यालयों
में
अवस्थापना
सुविधाओं
के
विकास
हेतु
500
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
उत्तर
प्रदेश
बेसिक
शिक्षा
परिषद
द्वारा
संचालित
विद्यालयों
में
कक्षा
1
से
8
तक
के
छात्र-छात्राओं
को
निःशुल्क
01
जोड़ी
जूता,
02
जोड़ी
मोजा
तथा
01
स्वेटर
उपलब्ध
कराये
जाने
हेतु
300
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
प्राथमिक
एवं
उच्च
प्राथमिक
विद्यालयों
के
छात्र-छात्राओं
को
निःशुल्क
यूनीफाॅर्म
वितरण
हेतु
40
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
वनटांगिया
ग्रामों
में
प्राथमिक
एवं
उच्च
प्राथमिक
विद्यालयों
की
स्थापना
हेतु
5
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
वित्तीय
वर्ष
2019-20
में
स्कूल
बैग
वितरण
हेतु
110
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
माध्यमिक शिक्षा
सैनिक
स्कूलों
की
स्थापना
हेतु
26
करोड़
57
लाख
रुपये
की
व्यवस्था।
राजकीय
इण्टर
काॅलेजों
(बालक
तथा
बालिका)
की
स्थापना
हेतु
10
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
संस्कृत
की
शिक्षा
को
बढ़ावा
देने
के
उद्देश्य
से
संस्कृत
पाठशालाओं
को
सहायक
अनुदान
उपलब्ध
कराये
जाने
के
लिये
242
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
तथा
सहायता
प्राप्त
संस्कृत
विद्यालयों
एवं
महाविद्यालयों
को
अनुदान
हेतु
30
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
उच्च शिक्षा
समस्त
कॉलेजों
एवं
विश्वविद्यालयों
में
वाई-फाई
की
सुविधा
योजना
हेतु
50
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
राष्ट्रीय
उच्चतर
शिक्षा
अभियान
के
अन्तर्गत
विभिन्न
कार्यों
हेतु
160
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
दीन
दयाल
उपाध्याय
गोरखपुर
विश्वविद्यालय
में
'गुरूश्री
गोरक्षनाथ
शोधपीठ'
की
अवस्थापना
मदों
के
लिये
63
लाख
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
लखनऊ
विश्वविद्यालय,
लखनऊ
में
अटल
सुशासन
पीठ
की
स्थापना
हेतु
2
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
माननीय
अटल
बिहारी
वाजपेयी
की
स्मृति
में
डी.ए.वी.
कॉलेज,
कानपुर
में
सेन्टर
ऑफ
एक्सीलेन्स
की
स्थापना
हेतु
5
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
सहारनपुर
में
विश्वविद्यालय
की
स्थापना
हेतु
10
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
संस्कृत
की
उच्च
शिक्षा
हेतु
काशी
विद्यापीठ
को
अनुदान
दिये
जाने
के
लिये
21
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
सम्पूर्णानन्द
संस्कृत
विश्वविद्यालय
हेतु
21
करोड़
51
लाख
रुपये
की
व्यवस्था।
प्राविधिक शिक्षा
भारतीय
सूचना
प्रौद्योगिकी
संस्थान,
लखनऊ
की
स्थापना
पी.पी.पी.
मोड
के
अन्तर्गत
की
जा
रही
है।
इसके
लिए
वर्ष
2019-20
के
बजट
में
10
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
जनपद
मिर्जापुर
एवं
प्रतापगढ़
में
इंजीनियरिंग
कॉलेजों
की
स्थापना
के
लिए
8
करोड़
रुपये
एवं
4
करोड़
रुपये
की
धनराशि
की
व्यवस्था।
हरकोर्ट
बटलर
प्रौद्योगिक
विश्वविद्यालय,
कानपुर
के
सुदृढ़ीकरण
एवं
विकास
हेतु
11
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
महिला एवं बाल कल्याण
बालिकाओं
के
स्वास्थ्य
एवं
शिक्षा
के
स्तर
में
वृद्धि
करने
तथा
उनके
भविष्य
को
उज्ज्वल
बनाने
तथा
महिलाओं
के
प्रति
सोच
में
सकारात्मक
परिवर्तन
लाने
एवं
उनके
प्रति
सम्मान
भाव
जागृत
करने
के
उद्देश्य
से
आगामी
वित्तीय
वर्ष
से
कन्या
सुमंगला
योजना
लाई
जा
रही
है।
इसके
लिए
1200
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
पुष्टाहार
कार्यक्रम
हेतु
4,004
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
निराश्रित
विधवाओं
के
भरण-पोषण
तथा
उनके
बच्चों
की
शिक्षा
हेतु
अनुदान
की
मद
में
1,410
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
आँगनवाड़ी
कार्यकत्रियों
एवं
सहायिकाओं
को
मानदेय
के
भुगतान
हेतु
1,988
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
नेशनल
न्यूट्रिशन
मिशन
हेतु
335
करोड़
रुपये
तथा
शबरी
संकल्प
अभियान
हेतु
200
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था।
किशोरी
बालिका
योजना
हेतु
156
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
महिला
सम्मान
कोष
हेतु
103
करोड़
70
लाख
रुपये
की
व्यवस्था।
समाज कल्याण
विभिन्न
वर्गों
के
निर्धन
छात्र-छात्राओं
को
छात्रवृत्ति
योजना
हेतु
कुल
4,433
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित
है।
इसमें
अनुसूचित
जाति
के
छात्र-छात्राओं
हेतु
2037
करोड़
रुपये,
पिछड़ा
वर्ग
हेतु
1516
करोड़
रुपये,
सामान्य
वर्ग
हेतु
850
करोड़
रुपये
तथा
अनुसूचित
जनजाति
हेतु
30
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
सम्मिलित।
वृद्धावस्था
तथा
किसान
पेंशन
योजना
के
अंतर्गत
2,579
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
उत्तर
प्रदेश
में
गरीबी
रेखा
से
नीचे
जीवन-यापन
करने
वाले
परिवारों
के
पुत्रियों
की
शादी
हेतु
सभी
वर्गों
के
लिये
मुख्यमंत्री
सामूहिक
विवाह
योजना
हेतु
250
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
राष्ट्रीय
पारिवारिक
लाभ
योजना
के
अंतर्गत
500
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
पिछड़ा वर्ग कल्याण
शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के अंतर्गत बजट में 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
अल्पसंख्यक कल्याण
अल्पसंख्यक
समुदाय
के
छात्र-छात्राओं
को
छात्रवृत्ति
योजना
हेतु
942
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
अरबी-फारसी
मदरसों
के
आधुनिकीकरण
हेतु
459
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
दिव्यांगजन कल्याण
दिव्यांगों
को
भरण-पोषण
अनुदान
हेतु
621
करोड़
रुपये
की
बजट
व्यवस्था
प्रस्तावित।
कुष्ठावस्था
विकलांग
भरण-पोषण
अनुदान
हेतु
30
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
मानसिक,
मंदित
आश्रय
गृह
स्थापित
कराये
जाने
की
योजना
है।
तीन
केन्द्र
स्थापित
हैं
तथा
07
केन्द्रों
की
स्थापना
हेतु
18
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
धर्मार्थ कार्य
जनपद
वाराणसी
स्थित
श्री
काशी
विश्वनाथ
मंदिर
विस्तारीकरण
योजना
के
क्रियान्वयन
हेतु
श्री
काशी
विश्वनाथ
विशिष्ट
क्षेत्र
विकास
परिषद
का
गठन
किया
गया
है।
गंगा
तट
से
विश्वनाथ
मंदिर
तक
मार्ग
के
विस्तारीकरण
एवं
सौन्दर्यीकरण
हेतु
207
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
काशी
हिन्दू
विश्वविद्यालय,
वाराणसी
में
"वैदिक
विज्ञान
केन्द्र"
की
स्थापना
हेतु
16
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
संस्कृति
मथुरा-वृन्दावन
के
मध्य
ऑडिटोरियम
के
निर्माण
हेतु
8
करोड़
38
लाख
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
सार्वजनिक
रामलीला
स्थलों
में
चहारदीवारी
निर्माण
हेतु
5
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
वृंदावन
शोध
संस्थान
के
सुदृढ़ीकरण
हेतु
1
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
पर्यटन
उत्तर
प्रदेश
बृज
तीर्थ
में
अवस्थापना
सुविधाओं
हेतु
125
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
अयोध्या
के
प्रमुख
पर्यटन
स्थलों
के
समेकित
विकास
हेतु
101
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
गढ़
मुक्तेश्वर
के
पर्यटन
स्थलों
के
समेकित
विकास
हेतु
27
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
पर्यटन
नीति
2018
के
क्रियान्वयन
हेतु
70
करोड़
रुपये
तथा
प्रो-पुअर
टूरिज्म
के
लिए
50
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
इसके
अलावा
प्रयागराज
में
ऋषि
भारद्वाज
आश्रम
एवं
श्रृंगवेरपुर
धाम,
विन्ध्याचल
एवं
नैमिषारण्य
का
विकास,
बौद्ध
परिपथ
में
सारनाथ,
श्रावस्ती,
कुशीनगर,
कपिलवस्तु,
कौशाम्बी
एवं
संकिसा
का
विकास,
शाकुम्भरी
देवी
एवं
शुक्रताल
का
विकास,
राजापुर
चित्रकूट
में
तुलसी
पीठ
का
विकास,
बहराइच
में
महाराजा
सुहेलदेव
स्थल
एवं
चित्तौरा
झील
का
विकास
तथा
लखनऊ
में
बिजली
पासी
किले
का
विकास
किया
जाना
प्रस्तावित
है।
न्याय
प्रदेश
के
नवसृजित
जनपदों
एवं
नवसृजित
न्यायालयों
में
आवासीय
एवं
अनावासीय
भवनों
के
निर्माण
के
लिये
भूमि
अधिग्रहण
हेतु
1,075
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
माननीय
उच्च
न्यायालय,
इलाहाबाद
में
मल्टीलेवेल
पार्किंग
एवं
एडवोकेट
चैम्बर
के
निर्माण
हेतु
वित्तीय
वर्ष
2019-2020
के
बजट
में
150
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था।
वाणिज्यिक
विवादों
के
शीघ्र
निस्तारण
हेतु
कॉमर्शियल
कोर्ट्स
के
संचालन
के
लिये
10
करोड़
86
लाख
रुपये
की
व्यवस्था
प्रस्तावित।
राजकोषीय सेवायें
राज्य
वस्तु
एवं
सेवा
कर
तथा
मूल्य
संवर्द्धित
कर
राज्य
वस्तु
एवं
सेवा
कर
तथा
मूल्य
संवर्द्धित
कर
से
राजस्व
प्राप्ति
का
अनुमान
77
हजार
640
करोड़
रुपये
निर्धारित।
आबकारी शुल्क
आबकारी शुल्क से राजस्व प्राप्ति का अनुमान 31 हजार 517 करोड़ 41 लाख रुपये।
स्टाम्प एवं पंजीकरण
स्टाम्प एवं पंजीकरण से 19 हजार 179 करोड़ रुपये की प्राप्ति अनुमानित।
वाहन कर
वाहन कर से 7 हजार 863 करोड़ रुपये की प्राप्ति अनुमानित।
प्राप्तियां
साल
2019-2020
में
04
लाख
70
हजार
684
करोड़
48
लाख
रुपये
(4,70,684.48
करोड़
रुपये)
की
कुल
प्राप्तियां
अनुमानित।
कुल
प्राप्तियों
में
03
लाख
91
हजार
734
करोड़
40
लाख
रुपये
(3,91,734.40
करोड़
रुपये)
की
राजस्व
प्राप्तियां
तथा
78
हजार
950
करोड़
08
लाख
रुपये
(78,950.08
करोड़
रुपये)
की
पूंजीगत
प्राप्तियां
सम्मिलित
हैं।
राजस्व
प्राप्तियों
में
कर
राजस्व
का
अंश
02
लाख
93
हजार
39
करोड़
17
लाख
रुपये
(2,93,039.17
करोड़
रुपये)
है।
इसमें
स्वयं
का
कर
राजस्व
01
लाख
40
हजार
176
करोड़
रुपये
(1,40,176
करोड़
रुपये)
तथा
केन्द्रीय
करों
में
राज्य
का
अंश
01
लाख
52
हजार
863
करोड़
17
लाख
रुपये
(1,52,863.17
करोड़
रुपये)
शामिल
है।
खर्च
कुल खर्च 04 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये (4,79,701.10 करोड़ रुपये) अनुमानित हैं। कुल व्यय में 03 लाख 63 हजार 957 करोड़ 04 लाख रुपये (3,63,957.04 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का खर्च है और 01 लाख 15 हजार 744 करोड़ 06 लाख रुपये (1,15,744.06 करोड़ रुपये) पूंजी लेखे का व्यय है।
राजस्व बचत
साल 2019-2020 में 27 हजार 777 करोड़ 36 लाख रुपये (27,777.36 करोड़ रुपये) की राजस्व बचत अनुमानित है।
राजकोषीय
घाटा
वित्तीय वर्ष 2019-2020 में 46 हजार 910 करोड़ 62 लाख रुपये (46,910.62) करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष 2019-20 के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है।
राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 29.98 प्रतिशत अनुमानित है।
समेकित निधि
समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात् 09 हजार 16 करोड़ 62 लाख रुपये (9,016.62 करोड़ रुपये) का घाटा अनुमानित है।
लोक लेखा
लोक लेखे से 09 हजार 500 करोड़ रुपये (9,500 करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियाँ अनुमानित है।
समस्त लेन-देन
साल 2019-2020 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 483 करोड 38 लाख रुपये (483.38 करोड़ रुपये) अनुमानित है। साल 2019-2020 में प्रारम्भिक शेष 08 हजार 225 करोड़ 47 लाख रुपये (8,225.47 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष 8 हजार 708 करोड़ 85 लाख रुपये (8,708.85 करोड़ रुपये) होना अनुमानित है।