रामदेव ने एलोपैथी वाला बयान लिया वापस तो बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री- 'बाबा का माफी मांगना, उनकी...'
रामदेव ने एलोपैथी वाला बयान लिया वापस तो बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री- 'बाबा का माफी मांगना, उनकी...'
नई दिल्ली, 24 मई: योग गुरु बाबा रामदेव मॉर्डन मेडिकल साइंस, डॉक्टरों और एलोपैथी को लेकर पर दिया अपना विवादित वापस ले लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक पत्र लिखकर बाबा रामदेन को एलोपैथी पर अपने बयान को वापस लेने को कहा था। जिसके बाद स्वामी रामदेव ने रविवार (23 मई) को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए एलोपैथी वाला अपना बयान वापस लिया। रामदेव ने कहा, किसी भी भावमा आहत हुई है तो मुझे खेद है। बाबा रामदेव के बयान वापस लेने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव के माफीनामे वाले पत्र को रिट्वीट करते हुए लिखा, बाबा योग गुरु रामदेव जी ने एलोपैथिक चिकित्सा पर अपना बयान वापस लेकर जिस तरह पूरे मामले को विराम दिया है, वह स्वागतयोग्य और उनकी परिपक्वता का परिचायक है।''
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इसी ट्वीट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आगे लिखा, ''हमें पूरी दुनिया को दिखाना है कि भारत के लोगों ने किस प्रकार डट कर कोविड-19 का सामना किया है। नि:संदेह हमारी जीत निश्चित है।''
बाबा रामदेव ने बयान वापस लेते हुए क्या कहा?
बाबा रामदेव ने एलोपैथी वाले बयान को वापस लेते हुए एक पत्र साझा कर ट्वीट किया, 'माननीय डॉ. हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेद पूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं।'
इस पत्र के शुरुआत में बाबा रामदेव ने लिखा, ''हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान या एलोपैथी के विरोधी नहीं हैं। हम ये मानते हैं कि जीवन रक्षा प्रणाली और शल्य चिकित्सा के विज्ञान में एलोपैथी ने बहुत प्रगति की है और मानवता की सेवा की है। मेरा जो वक्तव्य कोट किया गया है, वह एक कार्यकर्ता बैठक का वक्तव्य है, जिसमें मैंने आए हुए व्हाट्सएप मैसेज को पढ़कर सुनाया था। उससे अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मुझे खेद है।''
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव को भेजा था नोटिस
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शनिवार (22 मई) को योग गुरु रामदेव को एलोपैथी के खिलाफ उनके कथित बयानों और वैज्ञानिक चिकित्सा को "बदनाम" करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का दावा था कि रामदेव ने कहा है कि कोरोना काल में एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हो गई है।
हालांकि, पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आरोपों से इनकार कर दिया था। पतंजलि ने अधिकारिक बयान देकर कहा था कि रामदेव ने एलोपैथी के खिलाफ बयान देकर लोगों को गुमराह नहीं किया है और ना ही वैज्ञानिक चिकित्सा को बदनाम किया है।