मदुरै: चिथिरई उत्सव के दौरान भीड़ हुई अनियंत्रित, भगदड़ में दो लोगों की मौत, कई घायल
मदुरै: चिथिरई उत्सव के दौरान भीड़ हुई अनियंत्रित, भगदड़ में दो लोगों की मौत, कई घायल
नई दिल्ली, 16 अप्रैल: तमिलनाडु के मदुरई (मदुरै) में चिथिरई उत्सव के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी भक्त वैगई नदी में भगवान कल्लाझगर के प्रवेश को देखने पहुंचे थे। इस दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
मुदरै में चिथिरई उत्सव के समापन के अवसर पर भक्त वैगई नदी में भगवान कल्लाझगर के प्रवेश को देखने पहुंचे थे। इस दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई लोगों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मदुरै सरकारी अस्पताल के डीन ए रथिनवेल ने बताया कि भगदड़ में दो लोगों की मौत हो गई है। वहीं, एक युवक गंभीर रूप से घायल हो।
इस हादसे का संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही, मुख्यमंत्री सामान्य राहत कोष से दोनों मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल हुए एक व्यक्ति को 2 लाख रुपए और घायल हुए 7 लोगों को 1 लाख रुपए प्रदान करने का आदेश दिया है।
12 दिवसीय वार्षिक चिथिराई ब्रह्मोत्सव उत्सव की शुरूआत 5 अप्रैल को हुई थी और आज इस उत्सव का समापन हो गया। आपको बता दें कि विश्व प्रसिद्ध श्री मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में गुरुवार को भगवान सुंदरेश्वर के साथ देवी मीनाक्षी का प्रसिद्ध थिरुक्कल्याणम दिव्य विवाह पूरे धार्मिक उत्साह के साथ आयोजित किया गया था। इस दिव्य विवाह के दौरान मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया था।
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यह दिव्य विवाह 12 दिनों तक चलने वाले वार्षिक चिथिराई ब्रह्मोत्सवम पर्व का हिस्सा है। इस दिव्य विवाह के बाद काफी संख्या में महिला श्रद्धालु अपने मंगलसूत्रों को बदलती हैं। दिव्य विवाह के बाद देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को सार्वजनिक दर्शन के लिए थिरुक्कल्याण मंडपम में रखा गया और फिर चांदी के हाथी पर भव्य शोभा यात्रा निकाली गई थी।