पीएम मोदी ने 'मैत्री सेतु' का किया उद्घाटन, त्रिपुरा में 9 नए प्रोजक्ट भी किए शुरू
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच फेनी नदी पर बने 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन किया है। साथ ही त्रिपुरा के लिए 9 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इस पुल की लागत 133 करोड़ रुपए बताई जा रही है। 'मैत्री सेतु' के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ये दोनों देशों की मित्रता का प्रतीक है। पीएम मोदी ने कहा कि अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान मैंने और प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने मिलकर त्रिपुरा को बांग्लादेश से सीधे जोड़ने वाले ब्रिज का शिलान्यास किया था और आज इसका लोकार्पण किया गया है।
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वहीं बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने इस दौरान कहा कि 2010 में उस समय में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने मेरे सामने फेनी नदी पर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव रखा था। हमने उस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और तब से बांग्लादेश की सरकार ने ब्रिज बनाने के लिए भारत को सभी जरूरी सहायता दी। 10 साल बाद आज ब्रिज वास्तविकता है।
वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फेनी ब्रिज के खुल जाने से अगरतला, इंटरनेशनल सी पोर्ट से भारत का सबसे नजदीक का शहर बन जाएगा। NH-08 और NH-208 के चौड़ीकरण से जुड़े जिन प्रोजेक्ट्स का आज लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, उनसे नॉर्थ ईस्ट की पोर्ट से कनेक्टिविटी और सशक्त होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि त्रिपुरा जिसे कई वर्षों से हड़ताल की संस्कृति ने पीछे धकेल दिया था, अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए काम कर रहा है। जहां उद्योग बंद होने की कगार पर आ गए थे, वहां अब नए उद्योगों और निवेशों के लिए जगह है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए त्रिपुरा में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि त्रिपुरा बड़े राज्य के एक रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है। जो कभी बिजली की कमी वाला राज्य, त्रिपुरा अब एक पावर सरप्लस राज्य है।
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वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि त्रिपुरा में पहली बार एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद सुनिश्चित की गई है। मनरेगा के तहत काम करने वाले लोगों को अब 135 रुपये के बजाय प्रति दिन 205 रुपये मिल रहे हैं। आज त्रिपुरा पुरानी सरकार के 30 साल और डबल इंजन की 3 साल की सरकार में आए बदलाव को स्पष्ट अनुभव कर रहा है। जहां कमीशन और भ्रष्टाचार के बिना काम होने मुश्किल थे, वहां आज सरकारी लाभ लोगों के बैंक खाते में डायरेक्ट पहुंच रहा है।