जम्मू कश्मीर में इंटरनेट इस्तेमाल करना है तो माननी पड़ेगी ये 6 शर्तें
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से ही इंटरनेट, मोबाइल सेवा आदि पर पाबंदी लगा दी गई थी। सरकार ने इस फैसले को जायज ठहराते हुए कहा था कि आतंकवाद को बढ़ाने के लिए इंटरनेट सबसे सरल माध्यम बन गया था। आतंकवाद को बढ़ाने के लिए घाटी में इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा था। हालांकि हाल ही में संसद में सरकार की ओर से कहा गया था कि पूरे जम्मू कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी हटा दी गई है, सिर्फ कुछ ही हिस्सों में यह पाबंदी है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अगर आपको जम्मू कश्मीर में इंटनेट का इस्तेमाल करना है तो आपको एक वचन पत्र देना होगा।
वचन पत्र
घाटी में इंटरनेट चलाने के लिए आपको पुलिस को एक वचन पत्र देना होगा, जिसमे आप इस बात के लिए राजी होगा कि आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे और ना ही किसी तरह की फोटो व वीडियो, इन्क्रिप्टेड फाइल अपलोड करेंगे। इसके साथ ही आपको यह वचन भी देना होगा कि आप अपनेन सिस्टम में यूएसबी पोर्ट का भी इस्तेमाल नहीं करेंगे और पोर्ट डिसेबल होगा।
इन
लोगों
को
दिया
गया
ब्रॉडबैंड
कनेक्शन
बता
दें
कि
पिछले
दो
हफ्ते
से
घाटी
में
इंटरनेट
ब्रॉडबैंड
की
सेवा
को
बहाल
कर
दिया
गया
है।
यह
सेवा
मुख्य
रूप
से
100
बिजनेस
कंपनियों
को
दी
गई
है,
जिसमे
श्रीनगर,
गुलमर्ग,
पहलगाम,
के
होटल,
श्रीनगर
में
टूर
एंड
ट्रैवेल
एजेंट,
कुछ
आईटी
कंपनियां
व
बिजनेस
संस्थान
शामिल
हैं।
इन
लोगों
को
इंटरनेट
की
सेवा
जम्मू
कश्मीर
पुलिस
के
क्लियरेंस
के
बाद
दी
गई
है,
इन
लोगों
ने
पुलिस
को
यह
वचनपत्र
दिया
है
कि
वह
तय
शर्तों
के
अनुसार
ही
इंटरनेट
का
इस्तेमाल
करेंगे।
इसके
अलावा
पुलिस
स्टेशन
और
कुछ
सरकारी
दफ्तरों
में
भी
इंटरने
की
सेवा
को
बहाल
कर
दिया
गया
है।
ये 6 शर्तें माननी होंगी
जिन लोगों को घाटी में इंटरनेट इस्तेमाल करना है उन्हें मुख्य रूप से छह शर्तों का पालन करना होगा।
- जिस आईपी को अनुमति दी गई है वह सोशल मीडिया का इश्तेमाल नहीं करेगा, किसी भी तरह की प्रॉक्सी, वीपीएन और वाईफाई का इस्तेमाल नहीं करेगा।
- किसी भी तरह की इन्क्रिप्टेड फाइल, वीडियो, तस्वीर को अपलोड नहीं किया जाएगा।
- हमारे पास एक कंप्यूटर से इंटरनेट को बंद करने का विकल्प मौजूद है
- इंटरनेट के गलत इस्तेमाल के लिए कंपनी पूरी तरह से जिम्मेदारी होगी
- सभी यूएसबी पोर्ड डिसेबल होंग
- अगर सुऱक्षाकर्मी मांग करें तो कंपनी को अपने इंटरनेट और इंफ्रास्ट्रक्चर का पूरा एक्सेस उन्हें देना होगा।