जानिए पंजाब के किस मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम हिन्दुस्तान के हर व्यक्ति का पेट भर सकते हैं
जानिए पंजाब के किस मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम हिन्दुस्तान के हर व्यक्ति का पेट भर सकते हैं
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया हैं। मालूम हो कि 24 मार्च से लॉकडाउन चल रहा हैं ऐसे में ये भी सवाल उठ रहा हैं कि लंबे समय तक चल रहे लॉकडाउन के कारण भारत में कहीं आनाज का संकट न खड़ा हो जाए।
पंजाब के इस मंत्री ने कही ये बात
वहीं अब पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने दावा किया हैं कि हमारे भंडार में बफर स्टॉक हैं कि अगर जरुरत पड़ी तो हम हिंदुस्तान के हर नागरिक को पेट भर सकते हैं। बता दें लॉकडाउन के बावजूद पंजाब सरकार 19 दिनों में 90 लाख मैट्रिक टन गेंहू खरीद चुका है। इतना ही नही पंजाब सरकार का 135लाख मैट्रिक टन गेंहू खरीदने का लक्ष्य है ।
सरकार ने किया ये दावा
सरकार ने कि खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में अन्न का पर्याप्त भंडार है। सरकार का दावा हैं कि लॉकडाउन अवधि के दौरान मुफ्त में प्रदान किए गए अतिरिक्त गेहूं और चावल की आवश्यकता को पूरा करने के बाद भी।
प्रवासी मजदूरों के लिए पंजाब सरकार ने किया ऐलान
बता दें पंजाब सरकार ने मंगलवार को ये भी ऐलान किया था कि जो प्रवासी कामगार अपने गृह राज्य वापस जाना चाहते हैं उन श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से उनकी यात्रा का खर्च सरकार उठाएगी और इसके लिए 35 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। पंजाब के जालंधर रेलवे स्टेशन से मंगलावार को 1200 प्रवासी कामगारों को ले कर पहली श्रमिक विशेष रेलगाड़ी झारखंड के लिए रवाना किया गया। पंजाब सरकार का मानना है कि पांच से छह लाख फंसे हुए कामगार अपने गृह राज्य लौटने के लिए रेल यात्रा को चुनेंगे शेष सड़क मार्ग से जाने को तरजीह देंगे।
मोदी सरकार ने लॉकडाउन में बांटा अनाज
गौरलतब हैं कि कोविड-19 रोग के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च से देशव्यापी 'लॉकडाऊन' लागू है। गरीबों की मांग को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार के अपने गोदामों में पर्याप्त खाद्य आपूर्ति होने की बात कहते हुए पासवान ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास एक मई को कुल 605.7 लाख टन खाद्यान्न भंडार था, जिसमें 275.7 लाख टन चावल और 330 लाख टन गेहूं शामिल है। उन्होंने कहा कि एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत पीडीएस वितरण के लिए मासिक खाद्यान्न की आवश्यकता लगभग 60 लाख टन की है। आधिकारिक बयान में पासवान ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों और खाद्यान्नों और दालों के कुल भंडार और अब तक राज्यों को भेजी दालों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पासवान ने कहा कि एफसीआई का भंडार लॉकडाउन के दौरान अतिरिक्त प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के बाद भी पर्याप्त हैं।
राज्यों सरकारों ने की इसमें मोदी सरकार की मदद
पासवान ने कहा कि एफसीआई ने 24 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से लगभग 192 लाख टन खाद्यान्न का परिवहन किया है, जिसमें से 126.12 लाख टन सड़क और समुद्री मार्ग से भेजा गया, जबकि बाकी 65.4 लाख टन 2,334 रैक में रेल के जरिए पहुंचाए गए. इस अवधि में लगभग 5.63 लाख टन अनाज पूर्वोत्तर के क्षेत्र में ले जाया गया. प्रधानमंत्री गरीब योजना (PMGAY) के तहत खाद्यान्नों और दालों के मुफ्त वितरण के बारे में पासवान ने कहा कि इस योजना के तहत खाद्यान्नों की आवश्यकता लगभग 104.4 लाख टन चावल और 15.6 लाख टन गेहूं की है। जिसमें से अब तक 56.7 लाख टन चावल और 7.7 लाख टन गेहूं विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली और गुजरात जैसे छह राज्यों ने गेहूं वितरित किया है, जबकि अन्य राज्यों ने पीएमजीएवाई के तहत चावल वितरित किया है।
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