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कौन है अमर सिंह.. मुलायम के हमसाये या अमिताभ के हनुमान.?

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बैंगलोर। सपा के पूर्व नेता अमर सिंह एक बार फिर से चर्चा में हैं। वजह है कि लोकसभा चुनावों के ठीक पहले उनका और उनकी साथी जयाप्रदा का राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो जाना और अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस का समर्थन करना।

गौरतलब है कि सोमवार को अमर सिंह और जयाप्रदा औपचारिक तौर पर अजीत सिंह की पार्टी रालोद में शामिल हो गये हैं। हालांकि यूपी की राजनीति में दोनों क्या उलटफेर कर सकते हैं यह तो चुनावी नतीजों के बाद पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि दोनों का रालोद के साथ आने से राजनीति में रोचक तथ्य जरूर पैदा हो जायेंगे।

राजनैतिक पंडितों ने तो दोनों को ही यानी कि अमर सिंह और अजीत सिंह को अवसरवादी बताया है। अजित सिंह की छवि बिन पेंदी के लोटे जैसी है जो कभी भाजपा के साथ नजर आते हैं तो कभी कांग्रेस के साथ।

तो वहीं अमर सिंह के लिए भी अपना सियासी अस्तित्व बचाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले नया दल तलाशना जरूरी हो गया था, ऐसे में वक्त की नजाकत और अपने मिजाज को समझते हुए उन्हें भी अजित का साथ सबसे बेहतर लगा। रही बात जयाप्रदा की तो उन्हें वो ही सही लगता है जो अमर सिंह कहते और करते हैं।

फिलहाल समीकरण क्या कहते हैं यह तो 16 मई को पता चलेगा लेकिन अमर सिंह के रालोद में आने से अब रालोद की रैलियां भी नीरस नहीं रहेंगी। अमर सिंह काफी वाकपटु कहे जाते हैं। तोड़-मरोड़ कर बोलना उनकी खासियत है तो वहीं अमर सिंह विवादों के भी राजा है जिसके चलते वह कभी मुलायम सिंह के हमराज कहे जाते थे तो कभी बिग बी के हनुमान।

आईये आपको बताते हैं अमर सिंह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य..

सपा से निकाले गये और जेल गये

सपा से निकाले गये और जेल गये

साल 2010 में अमर सिंह को सपा पार्टी से निकाल दिया गया। अमर सिंह और मुलायम सिंह के बीच का विवाद खुलकर सामने आ गया। अमर सिंह के ऊपर 'कैश फॉर वोट' का आरोप लगा जिसके चलते वह साल 2011 में जेल में भी रहे। इस दौरान उनकी सेहत भी काफी खराब रही, उनकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं।

तो जया कर लेंगी सुसाइड

तो जया कर लेंगी सुसाइड

साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमर सिंह ने चुनावी जनसभा में कहा था कि अगर यदि आप लोग साईकिल को वोट नहीं देंगे और साईकिल दिल्ली तक नहीं पहुंचेगी तो जयाप्रदा आत्महत्या कर सकती हैं। जिसके बाद अमर सिंह की काफी छिछालेदर हुई थी।

फोन टेपिंग मामला

फोन टेपिंग मामला

यह मामला तो साल 2006 का है लेकिन सामने आया 2011 में। मीडिया में एक टेप जारी हुआ जिसमें अमर सिंह की तथाकथित आवाज थी जो कि कुछ नामीगिरामी राजनेताओं, बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स और बॉलीवुड के सितारों से करोड़ो की डील कर रहे थे। हालांकि अमर सिंह ने कहा था कि इस टेप में उनकी आवाज नहीं है।

सीडी मामला

सीडी मामला

यह मामला भी साल 2011 का है। यह सीडी भी मीडिया में लीक हो गयी थी जिसमें अमर सिंह, समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण की बातचीत थी। जिसमें शांति भूषण एक जज को कोर्ट के फैसले के लिए 4 करोड़ रुपए की रिश्वत देने की सलाह देते सुने गए थे और अमर सिंह उस बात पर अमल करते सुनायी पड़ रहे थे। जिसे अमर सिंह ने फर्जी बताया था।

जया के चक्कर में अमिताभ से पंगा

जया के चक्कर में अमिताभ से पंगा

यह बात भी साल 2010 की है। सपा से निकाले जाने के बाद अमर सिंह चाहते थे कि जया बच्चन भी सपा छोड़ दें लेकिन जया ने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद अमर सिंह और उनके बड़े भैया अमिताभ के बीच में दरार आ गयी। अमर सिंह ने कहा था कि मैं हनुमान, अमिताभ राम लेकिन जया सीता नहीं। आज भी अमिताभ-अमर सिंह के रिश्तें नार्मल नहीं हो पाये हैं।

मायावती को कहा था 'डायन'

मायावती को कहा था 'डायन'

बात साल 2008 की है जब अमर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती को 'डायन' कहा था। अमर सिंह ने कहा था कि विश्वास मत हासिल करने के लिए मायावती ने सपा के 6 सदस्यों को बंधक बनाया था। जिसके बाद को मायावती ने अमर सिंह को काफी खरी-खोटी सुनायी थी।

बाद में माया को बताया 'मसीहा'

बाद में माया को बताया 'मसीहा'

सपा से बाहर निकाले जाने के बाद साल 2010 में अमर सिंह ने मायावती की भरे मंच से तारीफ की थी और कहा था कि वाकई में एक महिला , ऊपर से दलित होकर प्रदेश की सीएम बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। इसलिए वाकई में मायावती तारीफ के काबिल हैं। वो 'मसीहा' से कम नहीं।

शाहरूख खान से झगड़ा

शाहरूख खान से झगड़ा

अमर सिंह ने शाहरूख खान के उस बयान की आलोचना की थी जिसमें शाहरूख ने कहा था कि उन्हें अमेरिकी एयरपोर्ट पर 'खान' होने की वजह से रोका गया। जिसके बाद अमर सिंह ने किंग खान को काफी कटु शब्द कहे थे और आलोचना की थी जिसके बाद शाहरूख और अमर सिंह कभी भी आमने-सामने नहीं आते हैं। दोनों एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं।

बिपाशा बसु से रिलेशन

बिपाशा बसु से रिलेशन

साल 2011 में ही एक टेप मीडिया में लीक हुई थी जिसमें कहा जा रहा था कि उसमें जो लड़की बोल रही है वो बिपाशा बसु है जो कि अमर सिंह को अपने घर आने की दावत दे रही हैं और अमर सिंह उसकी तारीफ कर रहे हैं। जिसे अमर सिंह ने फर्जी बताया था औऱ कहा था कि वह आज तक बिपाशा से नहीं मिले हैं।

संजय दत्त से झगड़ा

संजय दत्त से झगड़ा

साल 2009 में अमर सिंह ने संजय दत्त को सपा टिकट पर लखनऊ से चुनाव लड़वाने की पुरजोर तैयारी की थी लेकिन कानूनी वजह से यह काम पूरा नहीं हो पाया। इस दौरान संजू और अमर सिंह में काफी मित्रता देखी गयी थी लेकिन दोनों के बीच में झगड़ा तब हुआ जब अमर सिंह ने कह दिया था कि संजय दत्त के पास छोटा राजन का फोन आया था कि कोई नेता अमर सिंह को मारना चाहता है, जिसके बाद संजय दत्त ने अमर सिंह की बात को खारिज करते हुए कहा कि उनके पास ऐसा कोई फोन नहीं आया था साथ ही ये भी कहा कि वो बीवी-बच्चे वाले आदमी हैं, इसलिए वो राजनीति को ही छोड़ देंगे। जिसके बाद अमर सिंह ने कहा फोन संजय के पास नहीं बल्कि उनके पास आया था ।

English summary
Amar Singh may not be a big vote magnet but his skills in fund-raising and poll management would help Rashtriya Lok Dal in the coming elections, believe political analysts.
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