महाराष्ट्र में शिवसेना-NCP-कांग्रेस संभावित सरकार गठन पर संकट!
बेंगलुरु। महाराष्ट्र में सरकार किसकी बनेगी इसको लेकर अभी भी ड्रामा जारी हैं। एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सरकार बनाने की पटकथा लिखी जा रही थी लेकिन अचानक से इसमें ब्रेक लग गया है। जिसके बाद शिवसेना शरद पवार की पावर पॉलिटिक्स में बुरी तरह उलझ गई हैं और महाराष्ट्र सरकार के गठन की संभावना पर एक बार फिर संशय के बादल छा गए हैं। वहीं दूसरी ओर बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार बनने के रास्ते अब भी खुले नजर आ रहे हैं।
शरद पवार के इस बयान ने फंसा दिया पेंच
बता दें महाराष्ट् में लागू राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सरकार बनाने को लेकर मंथन के बीच एनसीपी प्रमुख शरद ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में आकर मुलाकात की। 50 मिनट के इस मुलाकात के बाद शरद पवार के दिए गए बयान ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही बात को और उलझा दिया। उन्होंने कहा कि सोनिया के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई बात ही नहीं हुई। एनसीपी सुप्रीमो ने तो यहां तक कह दिया है कि शिवसेना के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर भी कोई बात नहीं हुई है। जबकि पहले कहा जा रहा था कि एनसीपी और कांग्रेस की शिवसेना की गठबंधन सरकार के गठन को लेकिन कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर सहमति बन गयी है।
पवार बोले किसी के साथ सरकार बनाने की तो हमने अभी बात नहीं की
उन्होंने कहा कि 'बीजेपी-शिवसेना साथ-साथ चुनाव लड़ी हैं और कांग्रेस-एनसपी एकसाथ चुनाव लड़ी हैं। उन्हें अपना रास्ता चुनना है और हम अपनी राजनीति करेंगे।' जब शिवसेना की ओर से 170 विधायकों के समर्थन के दावे के बारे में उनसे सवाल हुआ तो उन्होंने यहां तक कहा कि 'मुझे इस 170 के आंकड़े के बारे में नहीं पता। आपको उनसे (शिवसेना) ही पूछना चाहिए।' पवार ने कहा कि किसी के साथ सरकार बनाने की तो हमने अभी बात नहीं की, हमने तो अभी केवल महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति के बारे में ही चर्चा की है।
पीएम मोदी ने एनसीपी की तारीफ के क्या हैं मायने
वहीं राज्यसभा के 250वें सत्र में सोमवार को अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी शरद पवार की पार्टी एनसीपी और बीजू जनता दल की तारीफ की। मोदी द्वारा पवार की तारीफ किए जाने के बाद विपक्षी नेताओं के चेहर अचंभित हो गए वहीं भाजपा नेताओं के चेहरे पर रहस्यमय मुस्कान थी। प्रधानमंत्री मोदी की इस तारीफ को शरद पवार की पावर पॉलिटिक्स से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जरूरत से ज्यादा शांत हैं। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में गैर भजपा सरकार बनना उन्हें बिलकुल नहीं अच्छा लगेगा।
एनसीपी सुप्रीमों को क्या सता रहा है ये डर ?
एनसीपी
सुप्रीमों
शरद
पवार
राजनीति
के
पुराने
खिलाड़ी
हैं
उन्हें
भांपना
इतना
आसान
नहीं
है,
लेकिन
राजनीतिक
गलिायारों
में
एक
चर्चा
यह
भी
तेज
है
कि
शरद
पवार
पीएम
मोदी
से
करीब
का
रिश्ता
रखते
हैं।
पवार
और
पार्टी
के
बड़े
नेता
प्रफुल्ल
पटेल
पर
प्रवर्तन
निदेशालय
का
दबाव
बढ़
रहा
है।
प्रफुल्ल
पटेल
तेजी
से
जांच
एजेंसियों
के
रडार
पर
आ
रहे
हैं।
शरद
पवार
कभी
दो
कदम
आगे
और
कभी
ढाई
कदम
पीछे
चलते
दिख
रहे
हैं।
किसी
को
भी
फिलहाल
पवार
का
पॉवर
गेम
सभी
की
समझ
से
परे
हैं।
गौरतलब
है
कि
पूर्व
नागरिक
उड्डयन
मंत्री
और
राष्ट्रवादी
कांग्रेस
पार्टी
(एनसीपी)
के
वरिष्ठ
नेता
प्रफुल्ल
पटेल
को
प्रवर्तन
निदेशालय
(ईडी)
पिछले
दिनों
तलब
किया
था।
ईडी
ने
प्रफुल्ल
पटेल
को
18
अक्तूबर
को
दफ्तर
में
पेश
होने
के
लिए
समन
भेजा
है।
प्रफुल्ल
पटेल
को
ये
समन
कथित
तौर
पर
गैंगस्टर
इकबाल
मिर्ची
से
संबंधित
एक
भूमि
सौदे
में
उनका
नाम
सामने
आने
पर
भेजा
गया
है।
ईडी
प्रफुल्ल
पटेल
के
परिवार
की
कंपनी
के
कथित
तौर
पर
दाऊद
इब्राहिम
के
करीबी
इकबाल
मेमन
मिर्ची
के
परिवार
के
साथ
वित्तीय
साझेदारी
और
जमीन
सौदे
की
जांच
कर
रही
है।
आरोप
हैं
मिर्ची
के
नाम
से
कुख्यात
दिवंगत
इकबाल
मेमन
और
प्रफुल्ल
पटेल
के
परिवार
की
प्रमोटिड
कंपनी
के
बीच
वित्तीय
सौदा
हुआ
था।
कांग्रेस इसलिए नहीं देना चाहती शिवसेना का साथ
राजीनतिक गलियारें में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि शिवसेना कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा पर यकीन रखती है। कांग्रेस-एनसीपी के करीब आने पर शिवसेना का 'धार्मिक निरपेक्षता का छुआछूत' जहां खत्म हो जाएगा, वहीं कांग्रेस को अपनी राजनीतिक विचारधारा के मद्देनजर जवाब देना भारी पड़ेगा। इतना ही नहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद का एक खत भी चर्चा में हैं। जिसमें जमीयत के अध्यक्ष मदनी ने सोनिया गांधी को एक खत लिखकर शिवसेना को समर्थन देने की कोशिशों पर कड़ा ऐतराज जताया है।
जमीयत अध्यक्ष ने अपने खत में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दो टूक कहा है कि शिवसेना को समर्थन देने का फैसला कांग्रेस के लिए बहुत ही घातक साबित हो सकता है। सोनिया को लिखे इस खत में उन्होंने कहा है, "...ये सही में दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप शिवसेना को समर्थन देने की सोच रही हैं। यह कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत ही खतरनाक और घातक कदम होगा....।"
भाजपा शिवसेना की गठबंधन की सरकार बनने का संभावना
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का दावा है कि वहां भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनेगी। सरकार का मुख्यमंत्री भाजपा का होगा। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत यहां भाजपा को आईना दिखा देते हैं। वह लगातार दावा कर रहे हैं कि जल्द ही शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा और शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार बनेगी। वहीं सोमवार को केंद्रीय मंत्री और एनडीए की सहयोगी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख रामदास अठावले ने बताया कि उन्होंने शिवसेना नेता संजय राउत को सरकार गठन का एक फॉर्मूला सुझाया है। उन्होंने कहा, मैंने संजय राउत से बात की और उन्हें 3 और 2 साल का फॉर्मूला सुझाया।
इसके तहत तीन साल मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा और 2 साल शिवसेना का। रामदास अठावले के मुताबिक संजय राउत ने कहा कि अगर बीजेपी इस पर हामी भरती है तो शिवसेना विचार कर सकती है। अठावले ने कहा कि वह इस बारे में बीजेपी से बातचीत करेंगे। उन्होंने बतया कि शिवसेना मीटिंग में नहीं थी लेकिन शिवसेना के विनायक राउत सर्वदलीय बैठक में मौजूद थे। मेरा मानना है कि इस समस्या को खत्म किया जाना चाहिए। मैंने अमित भाई (अमित शाह) से भी इस सिलसिले में बोला है। अठावले ने बताया, 'अमित भाई ने कहा कि सभी चीजें सही दिशा में जा रही हैं। अंत में बीजेपी और शिवसेना ही सरकार (महाराष्ट्र में) बनाएंगी। मुझे लगता है कि शिवसेना को अपना रुख बदलना चाहिए। कांग्रेस शिवसेना को सपोर्ट करने को तैयार नहीं है।
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