कालिखो पुल का सुसाइड नोट आया सामने, कांग्रेस पर लगाए आरोप
आत्महत्या करने के करीब 6 महीने बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रहे कालिखो पुल का सुसाइड नोट सामने आया है। इसमें कई ऐसी बातें लिखी गई हैं जो कईयों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती हैं।
ईटानगर। बीते साल 9 अगस्त की सुबह जब ये खबर आई कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कालिखो पुल ने आत्महत्या कर ली है तो हर कोई सकते में आ गया। 19 फरवरी 2016 को अरुणाचल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वे साढ़े चार महीने तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। जुलाई 2016 में उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्हें ये पद छोड़ना पड़ा था। मौत के करीब 6 महीने बाद कालिखो पुल की ओर से लिखा गया सुसाइड नोट सामने आया है। 60 पन्नों के इस सुसाइड नोट में कालिखो के जीवन के शुरूआती दिनों से लेकर अंत तक का जिक्र है। हालांकि ये सुसाइड नोट तमाम वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है।
समाचार वेबसाइट द वायर हिन्दी की ओर से जारी किए गए कालिखो के सुसाइड नोट में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं समेत तमाम लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि 20 जनवरी 1969 को अरुणाचल के वाल्ला में जन्मे कालिखो कांग्रेसी नेता थे। साल 2015 में राज्य की नाबाम तुकी की सरकार के खिलाफ बगावत कर खुद मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि 13 जुलाई 2016 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नाबाम तुकी की सरकार की बर्खास्तगी को असंवैधानिक बताया था, दिसके बाद कालिखो ने इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने के 26वें दिन बाद ही कालिखो के मौत की खबर आई थी। द वायर की ओर से जारी किए गए सुसाइड नोट में कालिखो ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नाबाम तुकी के पक्ष में देने को गलत बताया है। कालिखो के मुताबिक फिलहाल भाजपा में शामिल हो चुके पेमा खांडू और इनके पिता दोरजी खांडू के साथ मिलकर नाबाम तुकी ने सरकारी धन का गलत इस्तेमाल किया था। इसमें पीडीएस और राहत कोष के धन शामिल है।
मुझसे मांगे गए पैसे
अपने सुसाइड नोट में कालिखो ने सवाल पूछा है कि कैसे विधायकों और नेताओं को निजी संपत्ति इकट्ठा करने का अधिकार मिल जाता है। कालिखो ने सुसाइड नोचच में दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके फेवर में आए इसके लिए उनके कुछ बिचौलियो ने खासी धनराशि की मांग की थी।
मैं गरीब आदमी हूं
कालिखो ने लिखा है कि फैसला मेरे हक में देने के लिए मुझसे और मेरे करीबियों से कई बार संपर्क किया गया। मुझसे 86 करोड़ रुपये । जबकि मैं एक आम और गरीब आदमी हूं, मेरे पास इतने पैसे नहीं है। कालिखो ने लिखा है कि मैं 33 साल तक कांग्रेस से जुड़ा रहा। कांग्रेस से जुड़ने के पीछे एक कारण था।
आज दुख होता है कि कांग्रेस ऐसी है!
कालिखो ने लिखा है कि आज दुःख होता है कि इतने बड़े कांग्रेस परिवार को जनता की सेवा करने वाला नहीं, बल्कि भ्रष्ट और बदमाश लोग चाहिए। आज नेता सेवक नहीं बदल गए है। बिजनेस कर सिर्फ अपना स्वार्थ देख रहे हैं। लिखा गया है कि वर्ष 2008 में दोरजी खांडू के कहने पर व मजबूरी वश मैं खुद 4 बार मोतीलाल बोहरा को रुपए पहुंचाने गया था। जिनका कुल 37 करोड़ रुपए होता है।
लेकिन कोर्ट ने आरोपिओं को छोड़ दिया
कालिखो ने लिखा है कि अरुणाचल राज्य में हुए PDS घोटाले केस को राज्य सरकार ने गलत बताया। FCI गलत बताया और केंद्र सरकार ने भी गलत बताया, फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को खुला छोड़कर उनका पूरा पेमेंट करने का आदेश दिया। जिससे राज्य का विकास कोष खाली हो गया।
मैंने मिर्च मसाला नहीं लगाया
कालिखो ने लिखा है कि दोस्तों मैंने जो भी बातें बताई हैं, वह शत-प्रतिशत सही है। मैंने यह बातें अपने अंतरात्मा से कही है। मैंने इन्हें कहीं भी बढ़ा चढ़ाकर, मिर्च मसाला मिलाकर पेश नहीं किया और ना ही तथ्यों से छेड़छाड़ की है।
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