EIA2020 ड्राफ्ट को लेकर सरकार पर भड़के राहुल और सोनिया गांधी, मसौदा वापस लेने की मांग
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 के ड्राफ्ट की कड़ी आलोचना करते हुए तुरंत इसे वापस लेने की मांग की है। सोनिया गांधी ने अंग्रेजी अखबार द हिन्दू में इस मसौदे को लेकर लेख लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि ये मसौदा पर्यावरण को बर्बाद करने वाला है। प्रकृति हमारी रक्षा करती है, हमारी जरूरत पूरा करती है लेकिन इसके लिए हमें भी प्रकृति को बचाने और सहेजने की जरूरत है। सोनिया गांधी के इस लेख को ट्विटर पर शेयर करते हुए राहुल गांधी ने भी इस मसौदे को वापस लेने की मांग की है।
सोनिया गांधी ने क्या कहा है
रायबरेली से सांसद और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखा है- हाल के वक्त में दुनिया में कोरोना महामारी से जो संकट पैदा हुआ है, वो मानवों को एक नई सीख देता है। ऐसे में हमारा फर्ज है कि हमें पर्यावरण को बचाएं। अगर हम प्रकृति की रक्षा करेंगे, तो वो हमारी रक्षा करेगी। वर्तमान सरकार का रवैया पर्यावरण को लेकर ठीक नहीं रहा है। पिछले छह साल में सरकार ने लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की नीति पर काम किया है। सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर नाम पर नियमों की अनदेखी कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है।
Recommended Video
सरकार की नीति ठीक नहीं है
सोनिया गांधी ने लेख में कहा है, नई पर्यावरण नीति से पूंजीपतियों को विकास के नाम पर पर्यावरण को हानि पहुंचाने का वैधानिक मौका मिल जाएगा और पर्यावरण संरक्षण की बजाय देश में प्रदूषण फैलाने की नई परम्परा की शुरुआत होगी। सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, सरकार को समझना चाहिए कि हमारा देश जैव विविधता का भंडार है और इसकी सुरक्षा हम सबका दायित्व है। कोरोना महामारी के दौरान सरकार को पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करना चाहिए था लेकिन इस दिशा में अच्छे कदम उठाने की बजाय सरकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली नीति का प्रस्ताव लेकर आई है।
|
राहुल भी सरकार पर हमलावर
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार नए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 ड्राफ्ट को लेकर कड़ा विरोध जता रहे हैं। राहुल का कहना है कि ये मसौदा वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा और कारोबारियों को देश के संसाधन लूटने की छूट दे देगा। राहुल ने लोगों से भी इस मसौदे का विरोझ करने की अपील की है। कई पर्यावरणविद और संगठन भी इस मसौदा का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि मार्च 2020 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण प्रभाव आकलन ईआईए 2020 का मसौदा जारी किया गया था। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें सभी नए तरह के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें मौजूदा सड़कों का निर्माण, खनन परियोजनाएं, कारखाने, बिजली संयंत्र आदि शामिल हैं जोकि एक पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट का संचालन करने के लिए आवश्यक हैं। इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिये पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं।
ये भी पढ़ें- सूट-बूट वाले मित्रों के लिए खुली लूट का मौका है EIA2020 ड्राफ्ट: राहुल गांधी