तो दिल्ली के मंदिरों में मुसलमानों की एंट्री बैन हो
नई दिल्ली( विवेक शुक्ला) राजधानी के दिल कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर और शिव मंदिर साथ-साथ हैं। कल हनुमान मंदिर परिसर में जो कुछ हुआ उस पर हिन्दू धर्म के ठेकेदारों को जवाब देना होगा। हुआ यूं कि मंदिर परिसर में 'सेल्फी' क्लिक करने वाले तीन युवकों को श्रद्धालुओं ने पुलिस के हवाले कर दिया।
मंदिर में मुसलमान
हंगामे की वजह यह थी कि उनमें से एक युवक मुसलमान था। तो क्या किसी मुसलमान के मंदिर प्रवेश पर रोक हो? जानकारी के मुताबिक,इनमें से एक युवक सिर पर टोपी पहने हुए था। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के बाद कुछ ही मिनटों में छोड़ दिया। ये वहां पर घूम रहे थे। ठीक-ठाक परिवारों से इनका संबंध है।
प्राचीन मंदिर
बता दें कि इन दोनों मंदिरों में रोज हजारों लोग आते हैं। मालूम चला है कि भक्तों ने जब युवकों को सेल्फी क्लिक करते देखा तो उन्होंने सोचा कि वे मंदिर के परिसर की फोटो ले रहे हैं और उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। इनमें से दो युवक हिंदू थे जबकि उनका मुसलमान दोस्त सिर पर टोपी पहने हुए था।
हिन्दू जाते मस्जिदों में
अब सवाल उठता है कि जब तमाम हिन्दू रोज मस्जिदों और फकीरों की दरगाह में जाते हैं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होती। एक मुसलमान युवक के मंदिर परिसर में होने मात्र से इतना बवाल क्यों मचा।
बवाल ना होता
हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी सुरेश शर्मा ने बताया कि इस इलाके में बहुत से मुस्लिम परिवार रहते हैं। वे इधर आते-जाते रहते हैं। कायदे से एक नौजवान के मुसलमान लगने पर लोगों को शोर करने की कोई जरूरत नहीं थी।
पुजारी को पीटा
कुछ समय पहले मेरठ में एक पुजारी को कुछ हिन्दू धर्म के ठेकेदारों ने इसलिए पीट दिया था क्योंकि उस बेचारे पुजारी ने मंदिर परिसर एक मुस्लिम शख्स को अपनी बेटी के शादी के लिए दे दिया था। भोज के वक्त वेजिटेरियन व्यजंन ही परोसे गए। इसके बावजूद कुछ अतिवादियों को एतराज इस बात से था कि आखिर मंदिर परिसर किस लिए किसी मुसलमान को देने की हिमाकत की गई। अब आप ही बताएं कि क्या इतने तंग दिलों के साथ देश चलेगा।