'पीएम मोदी मेरे बेटे जैसे, क्या हुआ जो मैंने उसको जन्म नहीं दिया', टाइम मैगजीन में नाम आने पर बोलीं शाहीन बाग की दादी बिल्किस
'पीएम मोदी मेरे बेटे जैसे, क्या हुआ जो मैंने उसको जन्म नहीं दिया', टाइम मैगजीन में नाम आने पर बोलीं शाहीन बाग की दादी बिल्किस
नई
दिल्ली:
शाहीन
बाग
की
दादी
के
नाम
से
मशहूर
82
वर्षीय
बिल्किल
(Bilkis)
दुनिया
की
100
सबसे
प्रभावशाली
शख्सियतों
में
शुमार
हो
गई
हैं।
टाइम
मैगजीन
(Time
magazine)
की
ताजा
लिस्ट
में
उन्हें
'आइकन'
कैटेगरी
में
जगह
दी
गई
है।
इस
कैटेगरी
में
भारत
के
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
(
Prime
Minister
Narendra
Modi
)
का
भी
नाम
है।
बिल्किल
ने
टाइम
मैगजीन
में
नाम
आने
पर
खुशी
जाहिर
की
है,
वहीं
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
को
भी
शुभकामनाएं
दी
हैं।
बिल्किस
ने
पीएम
नरेंद्र
मोदी
को
अपने
बेटे
जैसा
बताया
है।
बिल्किस
ने
कहा
है
कि
वह
कभी
भी
स्कूल
नहीं
गई
हैं।
बिल्किस
शाहीन
बाग
की
उन
हजारों
महिला
प्रदर्शनकारियों
में
से
एक
थीं,
जो
नागरिकता
संशोधन
अधिनियम
(CAA)
के
खिलाफ
सड़कों
पर
महीनों
बैठी
रहीं।
बिल्किस ने कहा- पीएम मोदी मेरे बेटे जैसे हैं
बिल्किस ने कहा है, ''मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस (टाइम मैग्जीन) लिस्ट में शामिल होने के लिए बधाई देती हूं। वह भी मेरा बेटे जैसे हैं। क्या हुआ जो मैंने उसको जन्म नहीं दिया लेकिन मेरी दूसरी बहन ने उन्हें जन्म दिया है। इसलिए मैं उनके लंबे जीवन और खुशी के लिए प्रार्थना करती हूं।''
बिल्किस यहां दूसरी बहन से मतलब पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन से है। पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन गुजरात के गांधीनगर में रहती हैं। बिल्किस ने सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान पीएम मोदी के इस कानून की कड़ी आलोचना की थी।
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मुझे इस सम्मान की उम्मीद भी नहीं थी: बिल्किस
टाइम मैगजीन में खुद का नाम आने पर बिल्किस ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मुझे इस तरीके से सम्मानित किया गया। हालांकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी।" न्यूज ऐजेंसी एएनआई से बात करते हुए बिल्किस ने यह बयान दिया है। बिल्किल शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन के खिलाफ सड़कों पर बैठकर घरना प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में से एक हैं। सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान वह बहुत चर्चा में आईं थी।
बिल्किस ने कहा कि वह कभी भी स्कूल नहीं गई हैं। बिल्किस ने कहा, मैंने केवल कुरान शरीफ पढ़ा है और मैं कभी स्कूल नहीं गई लेकिन आज मैं उत्साहित और खुश हूं।
कोरोना की जंग पर बिल्किल दादी ने कही ये बात
बिल्किस दादी, जो दो अन्य शाहीन बाग की दादियों के साथ NRC-CAA विरोध का चेहरा बनकर उभरीं थी, उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली हैं। उनके पति की मृत्यु लगभग ग्यारह साल पहले हुई थी। बिल्किल फिलहाल वर्तमान में अपनी बहु और पोते-पोतियों के साथ शाहीन बाग में रहती हैं।
COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर, बिल्किस कहा, "हमारी पहली लड़ाई कोरोना वायरस के खिलाफ है। दुनिया से इस बीमारी को खत्म किया जाना चाहिए। बिल्किस दादी के परिवार ने भी प्रधानमंत्री मोदी सहित दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में उन्हें पहचाने जाने पर खुशी व्यक्त की है।