वैक्सीन की कमी पर बोले सीरम इंस्टीट्यूट के CEO,सरकार से फंड मांगा है, मिला तो टीकों की दोगुनी मात्रा देंगे
नई दिल्ली: केंद्र सरकार और कुछ राज्यों के बीच कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर विवाद जारी है। ये विवाद उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ गया, जब बुधवार (07 अप्रैल) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली पर निशाना साधते हुए कहा कि इन राज्यों ने पर्याप्त पात्र लाभार्थियों को वैक्सीन लगाए बिना सभी के लिए टीकों की मांग कर लोगों में दहशत फैलाने और अपनी 'विफलताएं' छिपाने की कोशिश में लग गए हैं। अब इस पूरे मामले पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला एक इंटरव्यू में अपनी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित एक इंटरव्यू में देश में कोरोना वैक्सीन की कमी पर अदार पूनावाला ने कहा है, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविडशील्ड के उत्पादन को दोगुना करने के लिए सरकार से फंड के तौर पर कुछ हजार करोड़ की मांग की है। अगर सरकार हमें वो फंड देती है तो हम दो महीने के भीतर टीकों की दोगुनी मात्रा देने को तैयार हैं।

अदार पूनावाला ने कहा है कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन, जो कि पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही है, 90 प्रतिशत प्रभावी है।
पूनावाला के फंड की बात पर एक वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने कहा है कि फिलहाल फंड का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा कोई नियम नहीं है, जिससे ये पता चले कि फर्म क्या मांगते हैं और उन्हें एडवांस में क्या फंड दिया जाता है। ये वैक्सीन की आपूर्ति के बाद तय किया जाता है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि फर्म ने इसके लिए सरकार से क्या कहा और कितना फंड मांगा है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर में ये राज्य वैक्सीनेशन पर भी "राजनीतिकरण" कर रहे हैं और झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब, जहां से कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, इनपर आरोप लगाते हुए हर्षवर्धन ने कहा, कोविड -19 मामलों में सबसे अधिक योगदान देने वाले राज्यों ने केवल गोलपोस्ट शिफ्ट करके अपने खराब टीकाकरण प्रयासों से ध्यान हटाने की कोशिश में कह रहे हैं कि वैक्सीन की कमी हो रही है।