पाकिस्तान के बालाकोट हमले का इसरो और अमेरिका के सैटेलाइट से है क्या खास कनेक्शन!
नई दिल्ली। 27 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर हवाई हमले किए थे। इन हमलों की सैटेलाइट तस्वीरें पिछले दिनों जारी हुई हैं। अब इन तस्वीरों के साथ इंडियन स्पेस एंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) का कनेक्शन सामने आ रहा है। हमले की सैटेलाइट तस्वीरें सबसे पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जारी की थीं। रॉयटर्स की तस्वीरों के साथ ही इस बात पर भी बहस शुरू हो गई थी कि आईएएफ के हमले कितने कारगर रहे थे। इन तस्वीरों में दावा किया गया था कि जिस जगह पर हमले की बात कही जा रही थी वहां पर जैश का मदरसा खड़ा हुआ है।
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साल 2017 में इसरो के मिशन का हिस्सा
एनडीटीवी इंडिया की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक बालाकोट हमले की तस्वीरों को कंपनी प्लैनेट लैब्स की ओर से जारी किया गया है। प्लैनेट लैब्स, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में स्थित एक जीपीएस कंपनी है। इस कंपनी के 120 छोटे सैटेलाइट्स को इसरो की मदद से साल 2017 में लॉन्च किया गया था। उस समय भारत ने 102 सैटेलाइट्स कसे अंतरिक्ष में भेजकर नया रिकॉर्ड बनाया था। ये सभी सैटेलाइट्स श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुए थे। यह भी पढ़ें-इंडियन एयरफोर्स ने हिंदी कविता के साथ पाकिस्तान को किया ट्रोल
80 प्रतिशत बम लगे सही निशाने पर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्लैनेट लैब्स के सैटेलाइट पृथ्वी के 500 किमी के दायरे में घूमते हैं और पूरी पृथ्वी की तस्वीरों को इकट्ठा करते हैं। ये सभी सैटेलाइट्स किसी भी चीज फोटोग्राफ एक मीटर से भी कम दायरें में खींच सकते हैं। बालाकोट में जो हवाई हमला किया गया, उससे जुड़ी कुछ सैटेलाइट तस्वीरों को जारी किया गया था। सूत्रों की ओर से यह दावा भी किया गया था कि आईएएफ ने सरकार को बालाकोट हवाई हमलों के सुबूत सरकार को सौंपे हैं। आईएएफ ने सरकार को बताया है कि करीब 80 प्रतिशत बम सही निशाने पर लगे हैं।
तस्वीरों के बाद बहस शुरू
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एयरफोर्स की ओर से एक डॉजियर तैयार किया गया है। इस डॉजियर के जरिए उन सभी बातों को दरकिनार करने की कोशिशें की गई हैं जिसमें कहा जा रहा है कि हमलों में जैश को कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने भी दावा किया है कि हमलों में कोई खास नुकसान नहीं हुआ है बस कुछ पेड़ और जंगल की जमीन को नुकसान पहुंचा है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया की ओर से भी इस एयर स्ट्राइक पर संदेह जताया जा रहा है।