यौन शोषण: राज्यसभा पैनल ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जज को दी क्लीन चिट
इससे पहले ग्वालियर सेशन कोर्ट की पूर्व महिला जज के कथित यौन उत्पीड़न मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसके गंगेले को उनके पद से हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी।
नई दिल्ली। राज्यसभा द्वारा गठित की गई जांच समिति ने यौन उत्पीड़न मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसके गंगेले को क्लीन चिट दे दी है। पैनल ने कहा है कि एसके गंगेले पर लगाए आरोप साबित नहीं होते है। राज्यसभा के पैनल ने माना है कि आरोप संदेह आधारित है। तीन सदस्यों की जांच कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्यसभा में सौंपा। जिसमें जस्टिस एस के गंगेले को क्लिन चिट दी गई है। तीन सदस्यों की जांच कमेटी में जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस मंजूला चेलूर और सीनियर वकील के के वेणुगोपाल शामिल थे।
इससे पहले ग्वालियर सेशन कोर्ट की पूर्व महिला जज के कथित यौन उत्पीड़न मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसके गंगेले को उनके पद से हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी ने सदन के 58 सदस्यों की ओर से महाभियोग चलाने की मांग वाली नोटिस को स्वीकार कर लिया था। सांसदों ने जस्टिस गंगेगे के खिलाफ महाभियोग चलाने की प्रक्रिया को शुरू करने को लेकर लेकर सभापति अंसारी को नोटिस दिया था।
न्यायाधीश जांच कानून, 1968 की धारा 3 के अनुसार स्पीकर (लोकसभा) या सभापति (राज्यसभा) यदि नोटिस स्वीकार करते हैं तो आगे की कार्यवाही लंबित रखकर तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाई जाएगी। चूंकि, इस मामले में हामिद अंसारी ने नोटिस को स्वीकार कर लिया था, इस वजह से अब जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर महाभियोग चलाने की दिशा होनी थी।
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि ग्वालियर की एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने हाई कोर्ट के एक जज पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दिल्ली कोर्ट में 15 साल तक वकालत करने के बाद जज बनीं पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी जज उन्हें अकेले अपने बंगले पर बुलाने का दबाव बनाता था। यही नहीं एक बार तो उसने हद ही कर दी और उससे आइटम सॉन्ग पर डांस करने की बात कह डाली। पीडि़ता ने कहा कि उसने अपना स्वाभिमान बचाने के लिए रिजाइन कर दिया था।नअक्टूबर 2012 में ग्वालियर में इनकी तैनाती हुई थी और अप्रैल 2013 में इन्हें जिले की विशाखा कमेटी का चेयरपर्सन बनाया गया था। शिकायत पत्र में कहा गया था कि एक बार आरोपी जज ने अपने घर पर होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान उनसे एक आइटम सॉन्ग पर डांस करने की बात कही थी। इस बारे में आरोपी जज ने जिला रजिस्ट्रार के मार्फत संदेश भेजवाया था। वहीं आरोपी जज जस्टिस गंगेले ने कहा था कि महिला जज द्वारा लगाए गए सारे आरोप गलत हैं और अगर इसमें उन पर लगा आरोप साबित हो जाता है तो वो फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हैं।
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