पुडुचेरी चुनाव परिणाम 2021: अब तक के रुझानों में 13 सीटों पर आगे एनडीए
हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पुडुचेरी भी शामिल था। पुडुचेरी की 30 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती जारी है।
पुडुचेरी, 2 मई। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की 30 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना जारी है। चुनावों से पहले नाटकीय रूप से वी नारायाणसामी की सरकार गिरने के बाद पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू है। पुडुचेरी में 6 अप्रैल को विधानसभा की 30 सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस, डीएमके व अन्य छोटे दलों के साथ 14 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। कांग्रेस नीत यूपीए ने कांग्रेस, डीएमके, सीपीआई, वीसीके और एक निर्दलीय के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। वहीं भाजपा नीत एनडीए में बीजेपी, एआईएनआरसी और एआईडीएमके सामिल थे। अब तक के रुझानों में एनडीए राज्य की सत्ता में वापसी करती दिखाई दे रही है। एनडीए इस समय 13 जबकि यूपीए 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि 4 सीटों पर अन्य आगे हैं।
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में पूर्व मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के अध्यक्ष एन रंगासामी, डीएमके नेता एसपी शिवकुमार समेत कई बड़े नेताओं की साख दांव पर है। विधानसभा चुनावों में अपनी अपनी पार्टी की ओर से मुख्य चेहरा रहे एन रंगासामी, एसपी शिवकुमार, वी कार्तिकेयन, जी नेहरू और एवी सुब्रमण्यम की सीटों के चुनाव परिणाम पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। वहीं डीएमके की ओर से एसपी शिवकुमार राजभवन सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं वी कार्तिकेयन ने नेलिथुपु विधानसभा सीट से डीएमके की टिकट पर चुनाव लड़ा था।
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इनके अलावा जी नेहरू ओरलिअमपेट विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। वहीं, एवी सुब्रमण्यम ने कांग्रेस की टिकट पर कराइकल उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। राज्य में एन रंगास्वामी नीत ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस, भाजपा गठबंधन और कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। शुरूआती रुझानों में एनडीए यूपीए से काफी आगे चल रही है। लेकिन फिलहाल ये केवल रुझान हैं। अगर ये रुझान वास्तविक आंकड़ों में बदलते हैं तो एनडीए पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
वहीं, एग्जिट पोल्स में इस बार बताया गया था कि राज्य में इस बार भाजपा सरकार बनाएगी। एग्जिट पोल्स में भाजपा को 30 में से 21 सीटों पर विजयी बताया गया था। बात अगर पिछले विधानसभा चुनावों की करें तो राज्य में कांग्रेस ने 15 सीटें जीतकर डीएमके जैसे अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।