लोकसभा चुनाव 2019: थेनी लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: थेनी लोकसभा सीट से AIADMK के नेता आर. पार्थीपन ( R.Parthipan)सांसद हैं, जिन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर DMK के नेता मुतहूरमलिंगम (Pon. Muthuramalingam) को 314, 532 वोटों से हराया था। आर. पार्थीपन को यहां पर 571, 254, वोट मिले थे तो वहीं मुतहूरमलिंगम को यहां केवल 256, 722 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर MDMK और नंबर चार पर कांग्रेस और नंबर 5 पर बसपा थी, MDMK प्रत्याशी को 134, 362 वोट और कांग्रेस प्रत्याशी को 714, 32 वोट और बसपा प्रत्याशी को 5299 वोट प्राप्त हुए थे।
थेनी
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
2008
में
परिसीमन
के
बाद
यह
लोकसभा
सीट
अस्तित्व
में
आई
थी
और
साल
2019
में
यहां
पहला
लोकसभा
चुनाव
हुआ
था,
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था
और
जे.
एम.
आरून
राशिद
(
J.M.Aaroon
Rashid)
यहां
से
सांसद
चुने
गए
थे
लेकिन
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
AIADMK
ने
जीत
दर्ज
की
और
आर.
पार्थीपन
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे।
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पिछले
पांच
सालों
में
सांसद
आर.
पार्थीपन
की
लोकसभा
में
उपस्थिति
81
प्रतिशत
रही
है
और
इस
दौरान
इन्होंने
23
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है
और
323
प्रश्न
पूछे
हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
14,41,302
थी,
जिसमें
से
मात्र
10,75,583
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
यहां
पर
किया
था,
जिसमें
पुरुषों
की
संख्या
5,29,187
और
महिलाओं
की
संख्या
5,46,396
थी।
थेनी
,
परिचय-प्रमुख
बातें-
मदुरई
के
पास
स्थित
थेनी
जिला,
तमिलनाडु
के
प्रमुख
शहरों
में
से
एक
है,
इसने
अपने
अंदर
बहुत
सारी
पारंपरिक
और
सांस्कृतिक
धरोहरों
को
समेटा
है,
प्राकृतिक
संपदा
से
धनी
इस
क्षेत्र
में
कृषि
ही
प्रमुख
आय
का
श्रोत
है,
यहां
इलाची,
कपास,
गन्ना,
अंगूर,
सिल्क
का
उत्पादन
बहुतायत
में
होता
है,
जिनका
निर्यात
किया
जाता
है।
मदुरई
अपने
बैलगाड़ी
रेस
के
लिए
काफी
मशहूर
है,
यहां
की
जनसंख्या
18,19,376
है,
जिसमें
से
55
प्रतिशत
लोग
गांवों
मे
और
44
प्रतिशत
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
20
प्रतिशत
आबादी
एससी
वर्ग
की
है।
यहां
पर
92
प्रतिशत
हिंदू
आबादी
और
4
प्रतिशत
लोग
मुस्लिम
हैं।
यह
पर्यटन
के
लिहाज
से
भी
काफी
अहम
स्थान
है,
यहां
की
मेघामलाई
फाल्स,
वेगाई
बांध
जैसी
कई
दर्शनीय
स्थल
हैं,
जिन्हें
देखने
के
लिए
यहां
सैलानी
आते
हैं।
साल 2009 में यहां पर कांग्रेस का राज था लेकिन साल 2014 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था, वो नंबर चार पर यहां पर थी और तो और पिछले चुनाव में उसका तमिलनाडु में खाता भी नहीं खुला था तो वहीं इस सीट समेत पूरे तमिलनाडु में अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री जयललिता की अगुवाई में इस पार्टी ने राज्य की 39 सीटों में से 37 सीटों पर फतेह हासिल की थी लेकिन जयललिता के निधन के बाद पार्टी आंतरिक कलह से गुजरी है और उसने बिखराव का दंश झेला है, ऐसे में क्या एक बार फिर से यह पार्टी साल 2014 वाला करिश्मा दोहरा पाएगी, यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब जानने के लिए हमें चुनावी नतीजों का इंतजार करना पड़ा होगा , वैसे इसमें कोई शक नहीं कि इस बार इस सीट पर मुकाबला काफी कड़ा होगा, जिसमें सफलता उसी को मिलेगी जिसे जनता का साथ मिलेगा, देखते हैं जनता किसके नाम पर अपना मुहर लगाती है।
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