लोकसभा चुनाव 2019: माधा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की माधा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद एनसीपी के विजय सिंह मोहिते पाटील हैं। उन्हें 2014 साल के लोकसभा चुनाव में 498, 989 वोटों के साथ बंपर जीत हासिल हुई थी। ये सीट एनसपी की गढ़ कही जाती है। इस सीट पर शुरू से ही महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार का राज रहा है लेकिन साल 2014 का चुनाव उन्होंने जब नहीं लड़ने का फैसला किया तो उस सीट पर एनसीपी ने अपने कद्दावर नेता विजय सिंह मोहिते पाटील को उतारा जिन्होंने यहा बंपर जीत दर्ज की।

माधा लोकसभा सीट का इतिहास
माधा, पुणे डिवीजन के सोलापुर जिले का एक प्रखंड हैं, माधा, मां माधेश्वेरी मंदिर की वजह से पूरी दुनिया में लोकप्रिय है, यहां का माधा दुर्ग भी पूरे भारत में मशहूर है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं, माधा की कुल आबादी 23 लाख 54 हजार 321 है, जिसमें 90 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं , जबकि यहां केवल 9 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करती है, यहां के 14 प्रतिशत लोग SC वर्ग के हैं तो 0.84 प्रतिशत लोग ST समुदाय के। माधा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें हैं। परिसीमन के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट से 2009 में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार चुनाव जीते थे, उस साल पवार को 57.71 फीसदी वोट मिले थे, साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर विजय सिंह मोहिते पाटील विजयी हुए, उन्हें 45 प्रतिशत वोट हासिल हुए। साल 2014 के चुनाव में यहां कुल मतदाताओं की संख्या 17,27,308 थी लेकिन इसमें से मात्र 10,79,619 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,95,626 और महिलाओं की संख्या 4,83,993 थी।
विजयसिंह मोहिते पाटील का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक राकांपा सांसद और महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटील की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 61 प्रतिशत रही और इस दौरान इन्होंने एक भी डिबेट में हिस्सा नहीं लिया है लेकिन सदन में 1039 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर SWP और नंबर 3 पर IND थी। आपको यहां हम यह बता दें कि इस बार महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं, 5 साल पहले हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 26 और एनसीपी ने 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन कांग्रेस और एनसीपी का साथ मोदी लहर के आगे फेल हो गया था लेकिन इस बार के सियासी हालात बदले हुए हैं, एनसीपी सुप्रीमो की ओर से दावा किया गया है कि मोदी सरकार अपने आश्वासन पूरे करने में फेल रही है, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह साफ हो गया। लोगों ने जता दिया है कि वे बदलाव चाहते हैं।
अब उनके दावों में कितनी सच्चाई है ये तो चुनावी नतीजे ही तय करेंगे, देखते हैं कि इस बार एनसपी और कांग्रेस का दोस्ताना इस चुनाव में क्या रंग दिखाता है लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि माधा सीट पर एनसीपी का ही राज है , एक तरह से यह सीट राकांपा की पारंपरिक सीट बन गई है इसलिए उसे हराना यहां आसान नहीं है, देखना दिलचस्प होगा कि विरोधी दल इस सीट पर एनसीपी के किले को भेदने के लिए क्या तोड़ निकालते हैं, फिलहाल इसमें कोई शक नहीं कि इस हॉट सीट पर मुकाबला काफी हॉट ही होने वाला है।
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