आप में संकट: आप ने कहा- जाएंगे हाईकोर्ट, कांग्रेस बोली- भाजपा ने की मदद
आप में संकट: आप ने कहा- जाएंगे HC, कांग्रेस बोली- भाजपा ने की मदद
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की चुनाव आयोग की सिफारिश को मान लिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर तमाम प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। आप के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हम राष्ट्रपति से मिलने की उम्मीद कर रहे थे ताकि हमें अपनी बात रखने का मौका मिले। अब हमें यह समाचार प्राप्त हुआ यदि आवश्यकता हुई तो आप को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी। वहीं अयोग्य ठहराई गई विधायक अलका लांबा ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति ने जल्दबाजी में निर्णय लिया, हमें बोलने का मौका नहीं दिया। हम न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की नेता और सांसद मीनक्षी लेखी ने कहा कि, जैसा केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग पर कोई दबाव है, ऐसा कुछ नहीं था। ये संवैधानिक निकाय हैं जिनके काम कानून का पालन करना है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग ने आप की मदद कर फैसले में देरी कराई। अगर फैसला पहले आ गया होता तो विधायक राज्यसभा सांसद ना चुन पाते।
21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मार्च 2015 में अपनी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी थी।
20 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया गया
हाल ही में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के सभी 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया और इनकी सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेज दी थी। आपको बता दें कि आयोग के पास कुल 21 विधायकों के नाम गए थे, लेकिन जरनैल सिंह ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में 20 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है।
डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था, जिससे कि संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट मिल सके लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी थी। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के सभी 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया और इनकी सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेज दी थी, जिसे आज राष्ट्रपति कोविंद ने भी अपनी मंजूरी दे दी।