G7 Summit: पीएम मोदी दूसरे दिन भी G7 शिखर सम्मेलन में वर्चुअली हुए शामिल
नई दिल्ली, 13 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार) दूसरे दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मध्यम से G7 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (आर्थिक संबंध) पी हरीश ने बताया कि पीएम मोदी ने जी-7 समिट में वर्चुअली शिरकत की। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का व्यक्तिगत रूप से स्वागत नहीं कर पाने पर पीएम बोरिस जॉनसन ने निराशा व्यक्त की है। हालांकि वह परिस्थितियों को समझते हैं और पीएम मोदी के फैसले का समर्थन भी किया।
गौरतलब है कि इस बार सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटेन कर रहा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पीएम मोदी को सम्मेलन में आने का न्योता दिया था लेकिन कोरोना मामलों के बढ़ने से प्रधानमंत्री मोदी ने अपना दौरा रद्द कर दिया। पीएम मोदी फिजिकल तो सम्मेलन में नहीं पहुंच सके लेकिन वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित किया। पी हरीश ने आगे बताया कि इस वर्ष के शिखर सम्मेलन के लिए यूके ने कोरोना वायरस से संबंधित मुद्दों को चयनित किया था।
PM Modi attended G7 summit virtually. UK conveyed to us that while PM Boris Johnson was disappointed at not being able to welcome PM Modi in person at the summit. He was understanding & supportive of his decision: P Harish, Additional Secy (Economic Relations) MEA pic.twitter.com/LwnM1XXW6m
— ANI (@ANI) June 13, 2021
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पी हरीश ने कहा कि यूके ने पिछले 18 महीनों में जारी महामारी के विनाशकारी प्रकोप, नीति-संचालित और टार्गेट रिकवरी की आवश्यकता को लेकर 'बिल्ड बैक बेटर' पर जोर दिया। G7 और तिथि देशों के साथ भारत मजबूती के साथ खड़ा है, यह पहली बार है कि भारत अतिथि देश के रूप में मंत्री और कार्य-स्तर के ट्रैक में लगा है। कोरोना काल में भी हमारी भागीदारी फलदायी, उत्पादक थी और हम आशा करते हैं कि सीओपी26 तक की विभिन्न मुद्दों पर हम अपनी भागीदारी को आगे बढ़ाएंगे।
'एक
पृथ्वी,
एक
स्वास्थ्य'
का
मंत्र
दिया
इससे
पहले
शनिवार
को
पीएम
मोदी
ने
जी7
में
बोलते
हुए
दुनिया
को
'एक
पृथ्वी,
एक
स्वास्थ्य'
का
मंत्र
दिया
था।
भारत
सरकार
के
सूत्र
ने
बताया
कि
पीएम
नरेंद्र
मोदी
ने
आज
जी7
शिखर
सम्मेलन
के
पहले
आउटरीच
सत्र
में
भाग
लेने
के
दौरान
अपने
संबोधन
में
दुनिया
को
'एक
पृथ्वी,
एक
स्वास्थ्य'
का
मंत्र
दिया।
G-7
समिट
में
फ्रांस
के
राष्ट्रपति
ने
टीके
के
लिए
भारत
जैसे
वैक्सीन
उत्पादकों
को
कच्चे
माल
की
आपूर्ति
का
आह्वान
किया
ताकि
पूरी
दुनिया
के
लिए
बड़े
पैमाने
पर
वैक्सीन
उत्पादन
सुनिश्चित
किया
जा
सके।