लॉकडाउन को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे पीएम मोदी, लेकिन फंस सकता है ये पेंच
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच देशभर में लॉकडाउन लागू है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी इससे पहले भी मुख्यमंत्रियों संग बात कर चुके हैं, लेकिन माना जा रहा है सोमवार को होने वाली इस बैठक में मुख्यमंत्री अपनी सख्त मांग पीएम के आगे रख सकते हैं। मुख्यमंत्री इस दौरान कह सकते हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई आर्थिक बाधाओं के बीच नहीं जीती जा सकती है। इसके साथ ही सीएम कह सकते हैं कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाने पर भी अपनी बात रख सकते हैं।
लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का होगा विरोध
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मुख्यमंत्री इस बात की पैरवी करेंगे कि 3 मई के बाद उन्हीं इलाकों में लॉकडाउन को लागू किया जाए जहां पर कोरोना हॉट जोन हैं, लेकिन जो ग्रीन जोन हैं, वहां पर लॉकडाउन नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अपने प्रदेश के तमाम मजदूर जो दूसरे राज्यों में फंसे हैं, उन्हें वापस बुलाए जाने की भी मांग रख सकते हैं। जो सुरक्षित जोन हैं, वहां पर फैक्ट्रियों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चलाए जाने की मांग की जा सकती है। गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भिलवाड़ा, उदयपुर, अलवर, जोधपुर, अजमेर, भरतपुर, कोटा में औद्योगिक गतिविधियों को शुरू किया जा चुका है।
लॉकडाउन को खत्म करने पर हो विचार
माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ लॉकडाउन को खत्म किए जाने की मांग करेंगे। गुरुवार को ममता बनर्जी ने कहा कि वह चाहती हैं कि लॉकडाउन को तीन चरणों में हटाया जाए, इसे 4 मई के बाद दो हफ्तों के भीतर पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार के पास इस बात की कोई पुख्ता योजना नहीं है कि 3 मई के बाद क्या करना है। मौजूदा तरह का लॉकडाउन 3 मई के बाद भी लागू रहता है तो हालात और भी बुरे हो सकते हैं।
बिना राजस्व मुश्किल लड़ाई
पंजाब के मुख्यमंत्री ने गुरुवार को सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा और कहा कि आप लोग पीएम को कम होते राजस्व पर को लेकर पत्र लिखें । मौजूदा स्वरूप का लॉकडाउन अगर आगे भी जारी रहता है और इसका सीधा असर स्वास्थ्य और लोगों के लिए किए जा रहे जरूरी कामों पर पड़ेगा। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय ग्रामीण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरों को पैसा देने की बजाए उन्हें अनाज दिया जाए और मनरेगा की राशि को राज्य सरकार को दिया जाए। इससे बैंकों के बाहर लाइन नहीं लगेगी।