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भारतीय नौसेना के पितामह भी हैं महाराज छत्रपति शिवाजी

छत्रपति शिवाजी ने कोंकण और गोवा के समंदर में व्‍यापार की रक्षा करने के लिए सबसे लंबे तट पर तैयार की थी एक मजबूत नौसेना। कल्‍याण, भिवंडी और गोवा में शिवाजी ने बनवाए थे जहाज।

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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की सबसे बड़ी मूर्ति की नींव रखेंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज की यह मूर्ति 3600 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगी। यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं है बल्कि यह कहीं न कहीं यह आने वाली पीढ़‍ियों को इंडियन नेवी के लिए छत्रपति शिवाजी के योगदान को भी बताने का काम कर पाएगी।

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मराठा शासन में हुई नेवी की स्‍थापना

अगर आपको नहीं मालूम हो तो बता देते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज को 'फादर ऑफ इंडियन नेवी' कहा जाता है।

शिवाजी से पहले मराठा शासन ने 1674 में नेवी फोर्स को स्‍थापित करने का काम किया था। शिवाजी को इस आधारशिला को मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है।

छत्रपति शिवाजी ने कोंकण और गोवा में समंदर की रक्षा के लिए एक मजबूत नेवी की स्‍थापना की।

शिवाजी इस हिस्‍से को अरब, पुर्तगाली, ब्रिटिश और समुद्री लुटेरों से बचाना चाहते थे। इसके लिए उन्‍होंने भिवंडी, कल्‍याण और पनवेल में लड़ाई के लिए जहाज तैयार करवाए थे।

छत्रपति शिवाजी के पास 400 से 500 जहाज!

1657-58 तक इन जहाजों का निर्माण हुआ। शिवाजी ने प्रशिक्षित लोगों को इसका काम किया और 20 लड़ाकू जहाज बनवाए।

शिवाजी ने जंजीरा कोस्‍ट लाइन पर सिद्दीस के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ीं। शिवाजी के प्रशासन में रहे कृष्‍णजी अनंत सभासद ने लिखा था कि शिवाजी की फ्लीट में दो स्‍क्‍वाड्रन थीं।

हर स्‍क्‍वाड्रन में 200 जहाज थे और सब अलग-अलग क्‍लास के थे। शिवाजी के सचिव रहे मल्‍हारा राव चिटनिस के मुताबिक यह संख्या 400 से 500 थी।

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शिवाजी के पास 85 फ्रिगेट्स भी

इंग्लिश, डच, पुर्तगाली और डच ने भी मराठा शिप्‍स का उल्‍लेख किया है लेकिन इनकी संख्‍या कितनी थी यह नहीं बताया।

कहा जाता है कि शिवाजी की फ्लीट में 160 से 700 तक व्‍यापारी थे। फरवरी 1665 में शिवाजी ने खुद बसरूर में अपनी सेना को जोड़ा।

इंग्लिश फैक्‍ट्री रिकॉर्ड के मुताबिक शिवाजी की सेना में 85 फ्रिगेट यानी लड़ाई के छोटा जहाज और तीन बड़े जहाज थे।

नवंबर 1670 में कोलाबा जिले में नंदगांव में 160 जहाजों को इकट्ठा करके एक फ्लीट तैयार की गई। दरिया सांरग इस फ्लीट के एडमिरल थे।

इसलिए शिवाजी फादर ऑफ इंडियन नेवी

शिवाजी की नेवी में कई मुसलमान सैनिक भी थे। इब्राहीम और दौलत खान इनमें सबसे खास थे। दोनों ही अफ्रीकी मूल के थे और शिवाजी ने दोनों को ही बड़ी भूमिकाएं दी हुई थीं। सिद्दी इब्राहीम आर्टिलरी के प्रमुख थे।

आज की मॉर्डन इंडियन नेवी को उसी नेवी का हिस्‍सा माना जाता है जिसकी स्‍थापना मराठाओं ने की और फिर शिवाजी ने इसे विस्‍तार दिया। इसी वजह से शिवाजी को 'फादर ऑफ इंडियन नेवी' कहते हैं।

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English summary
Prime Minister Narendra Modi to lay foundation of Shivaji Memorial in the Arabian Sea. Chhatrapati Shivaji Maharaj is known as the father of Indian Navy.
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