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आखिर क्या है पीके का 'B-2 प्लान'?

By हिमांशु तिवारी आत्मीय
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लखनऊ। क्या हुआ प्लान का नाम कुछ अजीबो-गरीब लग रहा है क्या? वैसे प्लान का पूरा नाम है 'ब्राह्मण बटोरो प्लान'.....हंसी आ गई क्या? तो भई हंस लीजिए। पर, कांग्रेस इसी प्लान के तहत आगे बढ़ रही है। दरअसल कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश की सीएम उम्मीदवार शीला दीक्षित को घोषित करने के पीछे भी पार्टी का उद्देश्य कहीं न कहीं यही था कि ब्राह्मण चेहरे के जरिए सवर्ण वर्ग को एकजुट किया जा सके।

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बंद दरवाजों के पीछे करें बैठक

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी 2 सितंबर को इलाहाबाद में ब्राह्मण नेताओं की विशेष बैठक आयोजित करने की तैयारी कर रही है। 21 अगस्त, रविवार को लखनऊ के गोमतीनगर इलाके के एक स्कूल में कांग्रेसी नेताओं की एक बैठक आयोजित की गई। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी इस बैठक का हिस्‍सा थे।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक में नेताओं से कहा गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी लाइन को किनारे रखकर ब्राह्मण कार्यकर्ताओं से बंद दरवाजे के पीछे बैठक करें। उन्‍हें बताया कि कांग्रेस उन्‍हें कैसे आगे ले जाना चाहती है। बंद दरवाजों के पीछे होने वाली इन बैठकों को इलाहाबाद में होने वाले सम्‍मेलन से पहले पूरा कर लेने के निर्देश पार्टी नेताओं को दिए गए हैं।

20 हजार नेताओं और कार्यकर्ताओं क बुलाने का लक्ष्य

पार्टी के ही एक नेता ने बताया कि इलाहाबाद की यह बैठक आम जनता के लिए नहीं है। इस बैठक में सिर्फ ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ता ही शामिल हो सकेंगे। और पार्टी का लक्ष्य है कि राज्य भर से कम से कम 20 हजार ब्राह्मण नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम में शामिल किया जाए।

12 फीसदी ब्राह्मणों पर कांग्रेस का निशाना

सूबे में करीब 12 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं। जिन्हें किसी भी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए अहम माना जाता है। निश्चित तौर पर कांग्रेस के द्वारा ब्राह्मण मुख्यमंत्री रहे नामों को दोहराते हुए राजनीति की जाएगी। हालांकि कभी कांग्रेस का समर्थक रहा यह वर्ग पिछले लंबे वक्त से राजनीति के भ्रमित नेतृत्व की वजह से हाशिए पर चला गया था। लेकिन अब इस वोटबैंक की अहमियत कांग्रेस को साफ तौर पर समझ रही है।

बीजेपी से नाराज ''ब्राह्मण वर्ग''

विश्लेषकों की मानें तो राम मंदिर आंदोलन के साथ ही ब्राह्मण वर्ग अपने समाज के उत्थान की कल्पना करके भाजपा के साथ एकजुट हो गया। लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बढ़ते वर्चस्व के साथ भाजपा पिछड़े समुदाय के तुष्टीकरण करने के लिए लामबंद है। जिसकी वजह से ब्राह्मण मतदाता भाजपा से निराश है। ऐसे में शीला दीक्षित पर ब्राह्मण कार्ड खेलना वाकई समझदारी भरा कदम है।

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English summary
It seems Prashant Kishore's plan for Congress in UP polls. In a bid to ensure its victory Uttar Pradesh Assembly Elections, Congress may give one-fourth of tickets to Brahmins.
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