PoK पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बड़ा बयान
नई दिल्ली। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर हाल ही में सेना प्रमुख ने बड़ी बात कही थी। सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि अगर संसद हमे आदेश दे तो हम पाक अधिकृत कश्मीर को वापस ला सकते हैं। सेना प्रमुख के बयान के बाद इमरान खान ने एक साक्षात्कार में फिर से भारत कश्मीर राग दोहराते हुए कहा कि मैं दुनियाभर के संगठनों से अपील करता हूं कि वह भारत और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर का दौरा करें और इसके बाद वह खुद तय करें कि कहां के हालात बेहतर हैं।
लोग
कश्मीर
आएं
इमरान
खान
ने
कहा
कि
यह
पता
करना
बहुत
आसान
है
कि
कहां
पर
मानवाधिकारों
का
उल्लंघन
हो
रहा
है।
हम
दुनियाभर
के
लोगों
को
पाकिस्तान
की
तरफ
वाले
कश्मीर
में
आमंत्रित
करते
हैं,
वह
यहां
आने
के
बाद
भारत
वाले
हिस्से
के
कश्मीर
में
जाएं।
लेकिन
लोग
पाकिस्तान
के
हिस्से
वाले
कश्मीर
में
तो
आ
सकते
हैं
लेकिन
उन्हें
भारत
की
तरफ
वाले
कश्मीर
जाने
की
इजाजत
नहीं
मिलेगी।
हमारे
यहां
पारदर्शी
चुनाव
होते
हैं,
लोग
अपने
प्रतिनिधि
को
चुनते
हैं,
हालांकि
लोगों
की
अपनी
समस्य
है
जो
किसी
भी
प्रशासन
में
लोगों
की
होती
है।
चीन
के
मुसलमानों
पर
चुप
यहां
दिलचस्प
बात
यह
है
कि
पाकिस्तान
के
प्रधानमंत्री
इमरान
खान
दुनियाभर
में
मुसलमानों
के
साथ
होने
वाले
अत्याचार
की
समस्या
को
उठाते
हैं,
लेकिन
चीन
में
जिस
तरह
का
बर्ताव
मुसलमानों
के
साथ
हो
रहा
है,
उसपर
इमरान
खान
चुप्पी
साध
लेते
हैं।
चीन
में
उइगरों
के
साथ
होने
वाले
बर्ताव
पर
इमरान
खान
ने
कुछ
भी
खुले
तौर
पर
बोलने
से
इनकार
कर
दिया।
इमरान
ने
कहा
कि
चीन
में
उइगर
मुसलमानों
के
साथ
जो
हो
रहा
है
उसकी
तुलना
कश्मीर
के
मुसलमानों
से
नहीं
की
जा
सकती
है।
साथ
ही
चीन
हमारा
दोस्त
है
और
जब
हम
आर्थिक
संकट
का
सामना
कर
रहे
हैं
तो
चीन
ने
मुश्किल
समय
में
हमारी
मदद
की
है,
लिहाजा
इस
मसले
पर
हम
निजी
तौर
पर
बात
करते
हैं
सार्वजनिक
तौर
पर
नहीं।
जनमत
संग्रह
की
बात
कही
डीडब्ल्यू
को
दिए
साक्षात्कार
में
इमरान
खान
से
जब
पूछा
गया
कि
क्या
आप
पाकिस्तान
के
कब्जे
वाले
कश्मीर
में
लोगों
को
विरोध
प्रदर्शन
की
अनुमति
देंगे।
इसपर
इमरान
खान
ने
कहा
कि
इस
बात
का
फैसला
यहां
के
लोगों
को
करने
दीजिए।
पाकिस्तान
जनमत
संग्रह
के
लिए
तैयार
है,
लोगों
को
खुद
फैसला
करने
दीजिए
कि
वह
पाकिस्तान
के
साथ
रहना
चाहते
हैं
या
फिर
आजाद
होना
चाहते
हैं।