कर्नाटक: रमजान के दौरान मस्जिदों में 5 वक्त की नमाज पर रोक, दावत-ए-सहरी या इफ्तार की भी व्यवस्था नहीं
नई दिल्ली। भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है, यहां हर महीने लोग किसी ना किसी उत्सव की तैयारियों में जुटे रहते हैं। हालांकि साल 2020 देशवासियों के लिए अभी तक कुछ खास नहीं रहा है, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने त्योहारों के रंग में भंग मिला दिया है। भारत में कोरोना वायरस की दस्तक होली के समय हुई जिस वजह से बड़े स्तर पर इस त्योहार को नहीं मनाया जा सका, इसी बीच लॉकडाउन में बैसाखी और अब रमजान का रंग फीका पड़ने वाला है।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल, 2020 से रमजान का पवित्र महीना भी शुरु होने वाला है लेकिन इस दौरान देशवालों को कोरोना संकट में सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया है। केंद्र और राज्य सरकार भी लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं। कोरोना वायरस के विस्तार और देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ और हज विभाग ने कहा है कि इस बार रमजान के दौरान दावत-ए-सहरी या इफ्तार की कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 30 राज्यों के वक्फ बोर्ड के साथ बैठक की है। बैठक में रमजान महीने में लॉकडाउन के दिशानिर्देशों, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का पालन कैसे हो इस बात पर चर्चा हुई। इसी बीच कर्नाटक के वक्फ बोर्ड ने कहा, कोरोना वायरस के देखते हुए पूरे कर्नाटक में रमजान के दौरान मस्जिदों में 5 बार नमाज बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस दिशा में कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को जानकारी दी है। कहा गया है कि COVID19 महामारी के मद्देनजर पूरे कर्नाटक में रमजान के दौरान मस्जिदों में पांच बार की सामूहिक इबादत करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जाएगी। और ना ही मस्जिदों के कर्मचारियों द्वारा नमाज अदा करने के लिए जनता को बुलाया जाएगा। इसके अलावा राज्य में महामारी के मद्देनजर रमजान के दौरान दावत-ए-सहरी या इफ्तार की कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी।
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