उमर और महबूबा की अभी नहीं होगी रिहाई, रहेंगे नजरबंद
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बादद से ही पूर्व मुख्यमत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को पुलिस की हिरासत में हैं। पिछले कई दिनों से दोनों ही पुलिस की हिरासत में हैं और आने वाले समय में कब इनकी रिहाई होगी, इसपर स्थिति अभी साफ नहीं हो सकी है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर के नेताओं की रिहाई पर फैसला स्थानीय प्रशासन के द्वारा जमीनी हालात को देखते हुए लिया जाएगा।
कई
नेता
हिरासत
में
अधिकारी
ने
बताया
कि
यह
कहना
बहुत
मुश्किल
है
कि
हिरासत
में
लिए
गए
लोगों
को
कब
रिहा
किया
जाएगा।
उन्होंने
इस
बात
की
ओर
इशारा
किया
है
कि
उन्हें
कभी
भी
रिहा
किया
जा
सकता
है,
लेकिन
इसपर
स्थिति
अभी
साफ
नहीं
है।
बता
दें
कि
उमर
अब्दुल्ला
और
महबूबा
मुफ्ती
को
अलग-अलग
गेस्ट
हाउस
में
रखा
गया
है।
वहीं
पूर्व
मुख्यमंत्री
फारुक
अब्दुल्ला
को
भी
उनके
घर
पर
नजरबंद
रखा
गया
है।
यही
नहीं
घाटी
के
तमाम
अन्य
नेताओं
को
भी
अलग-अलग
गेस्ट
हाउस
में
नजरबंद
रखा
गया
है।
एहतियात
के
तौर
पर
हिरासत
में
प्रशासन
का
कहना
है
कि
इन
नेताओं
को
एहतियात
के
तौर
पर
नजरबंद
करके
रखा
गया
है।
जम्मू
कश्मीर
प्रशासन
ने
अभी
तक
यह
साफ
नहीं
किया
है
कि
कितने
नेताओं
को
हिरासत
में
रखा
गया
है।
अनाधिकाकृत
तौर
पर
माने
तो
तकरीबन
2000
नेताओं
को
हिरासत
में
रखा
गया
है।
बता
दें
किा
5
अगस्त
को
जम्मू
कश्मीर
से
आर्टिकल
370
को
खत्म
कर
दिया
गया
था,
जिसके
तहत
जम्मू
कश्मीर
को
विशेष
अधिकार
दिए
गए
थे।
जम्मू
कश्मीर
को
दो
अलग-अलग
यूनियन
टेरिटरीज
में
भी
विभाजित
कर
दिया
गया
है।
प्रतिबंध
अभी
भी
लागू
घाटी
में
आर्टिकल
370
को
हटाए
जाने
के
बाद
से
ही
यहां
मोबाइल
फोन
और
इंटरनेट
की
सेवाओं
को
बंद
कर
दिया
गया
है।
हालांकि
अधिकतर
जगहों
पर
लैंडलाइन
फोन
सर्विस
को
बहाल
कर
दिया
गया
है,
जबकि
श्रीनगर
के
कुछ
इलाकों
में
अभी
भी
यह
प्रतिबंध
लागू
है।
कश्मीर
में
कुछ
जगहों
पर
दुकानें
अभी
भी
बंद
हैं,
हालांकि
यहां
पर
किसी
भी
अलगाववादी
संगठन
या
किसी
अन्य
संगठन
ने
किसी
तरह
के
हड़ताल
का
ऐलान
नहीं
किया
है।