जून में अगर हम NEET-JEE परीक्षा लेने की स्थिति में नहीं थे, तो आज कैसे हैं: CM ठाकरे
मुंबई। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच NEET और JEE परीक्षा होना चाहिए या नहीं। इसे लेकर राजनीतिक सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। इन दोनों परीक्षाओं के आयोजन को लेकर फिलहाल सात राज्य खिलाफ है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा कांग्रेस समर्थित सरकारों के मुख्यमंत्रियों और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ एक बैठक की। इस बैठक में NEET-JEE Exam के अलावा जीएसटी का मुद्दा भी चर्चा का विषय रहा।
बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले हमें तय करना चाहिए कि लड़ना है या डरना है। उद्धव की बात का समर्थन करने हुए ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार बांटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर रहना चाहिए, नहीं तो देश में कोई और पार्टी रहेगी ही नहीं। उन्होंने कहा कि जून में अगर हम परीक्षा लेने की स्थिति में नहीं थे, तो आज कैसे हैं।
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वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को 'कुचल' डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष के खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल कर संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है। आपको बता दें कि इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया।
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