प्रभु के राज में- 200 से ज्यादा रेल हादसे और 350 से ज्यादा लोगों की मौत
नई दिल्ली। कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे ट्रैक के पास मौजूद एक इंटर कॉलेज में घुस गए, जिससे 23 यात्रियों की मौत हो गई और 100 से भी ज्यादा गंभीर रूप से घायल हो गए। यह इस साल का आठवां बड़ा रेल हादसा है। 2014 में रेल मंत्री बने सुरेश प्रभु के कार्यकाल में देश ने लगभग हर महीने रेल हादसे झेले हैं और सैकड़ों की मौत हो चुकी है। अब तक करीब 210 रेल हादसे हो चुके हैं, जिसमें सैकडों लोगों की जान जा चुकी है।
प्रभू के काल में रेल हादसों का मंजर
मोदी सरकार के बजट में हर साल रेलवे के लिए करोड़ो रुपये का आवंटन होता है लेकिन सुरक्षा के नाम पर सिर्फ मजाक बना हुआ है, जहां हादसों में मर रहे लोगों की जैसे कोई कीमत ही नहीं है। प्रभू के दौर अब तक करीब 210 रेल हादसे हो चुके हैं जिसमें 350 से ज्यादा लोगों की मौत और अनगिनत घायल हुए हैं। कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस ने एक बार फिर लोगों को रेल में सफर करने से डरा दिया है। पिछले तीन सालों में हुए रेल हादसों ने रेलवे सुरक्षा की धज्जियां उड़ा कर रख दी है। देखिए सुरेश प्रभु के दौर में बड़े रेल हादसे
2014
मई
26:
गोरखधाम
एक्सप्रेस
के
7
डिब्बे
पटरी
से
उतरे,
जिसमें
30
लोगों
की
मौत
और
100
से
ज्यादा
घायल।
जून
25:
छपरा
(बिहार)
के
निकट
डिब्रूगढ़
राजधानी
एक्सप्रेस
हादसे
में
5
लोगों
की
मौत
और
करीब
10
घायल।
जुलाई
23:
तेलंगाना
के
मेडक
में
एक
स्कूल
बस
और
ट्रेन
की
टक्कर
से
18
बच्चों
की
मौत
और
16
बच्चे
गंभीर
रूप
से
घायल।
2015
फरवरी
13:
बैंगलोर-एर्नाकुलम
इंटरसिटी
के
पटरी
से
उतरने
के
कारण
12
यात्रियों
की
मौत
और
100
से
ज्यादा
घायल।
मार्च
20:
देहरादून-जनता
एक्सप्रेस
पटरी
से
उतरने
के
कारण
58
लोगों
की
मौत
150
से
ज्यादा
लोग
घायल।
मई
25:
मुरली
एक्सप्रेस
के
बेपटरी
से
5
की
मौत
और
50
से
ज्यादा
घायल।
अगस्त
7:
कामायानी
एक्सप्रेस
और
मुंबई
जबलपुर
एक्सप्रेस
के
पटरी
से
उतरने
के
कारण
करीब
31
पैसेजंर
की
मौत
और
100
से
ज्यादा
घायल।
12
सितंबर:
दुरंतो
एक्सप्रेस
की
9
डिब्बे
ट्रैक
से
उतरने
के
कारण
2
लोगों
की
मौत
हुई।
12
सिंतबर:
कालका-शिमला
शिवालिक
क्विन
हादसे
में
2
यात्रियों
की
मौत।
2016
फरवरी
5:
कन्याकुमारी-बैंगलोर
आइलैंड
एक्सप्रेस
के
4
डिब्बे
पटरी
से
उतरी
के
कारण
10
लोग
घायल
हुई।
जुलाई
26:
पश्चिमी
उत्तर
प्रदेश
में
एक
पैसेंजर
ट्रेन
ने
स्कूल
बस
को
टक्कर
मार
दी
जिसमें
10
बच्चों
की
मौत
हुई।
नवंबर
20:
कानपुर
में
पटना-इंदौर
एक्सप्रेस
के
14
कोच
पटरी
से
उतरे,
जिसमें
करीब
150
लोगों
की
मौत
और
250
से
ज्यादा
घायल
हुए।
2017
जनवरी
21:
हिराखंड
एक्सप्रेस
के
बेपटरी
होने
से
41
लोगों
की
मौत
और
70
से
ज्यादा
घायल।
मार्च
3:
उज्जैन
में
हुए
ट्रेन
ब्लास्ट
में
4
बुरी
तरह
से
जख्मी।
मार्च
17:
बैंगलोर
में
एक
पैसंजेर
ट्रेन
एंबुलेंस
से
टकराने
के
कारण
5
लोगों
की
मौत।
30
मार्च:
महाकौशल
एक्सप्रेस
के
पटरी
से
उतरने
के
कारण
52
लोगों
की
मौत।
19
अगस्त:
कलिंग-उत्कल
एक्सप्रेस
के
डिब्बे
ट्रैक
से
उतरने
के
कारण
23
यात्रियों
की
मौत
और
करीब
400
लोग
घायल,
जिसमें
100
की
हालत
गंभीर।