न आयरनमैन न ही सुपरमैन, दिल्ली की गलियों में घूमता है 'मटका मैन', गरीबों की प्यास बुझाना है उसका काम
नई दिल्ली। कहते हैं कि जब-जब धरती पर कोई इंसान परेशान हुआ है कोई न कोई सुपर हीरो जरूर आया है। कभी बैटमैन, कभी आयरन मैन तो कभी सुपरमैन हुआ है। लेकिन दिल्ली में प्रचंड गर्मी से लोगों को राहत दिलाने के लिए आया है 'मटका मैन'। तस्वीर में 68 साल के जिस शख्स को आप देख रहे हैं उनका नाम नटराजन है और ये मटका मैन के नाम से जाने जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये साउथ दिल्ली की सड़कों पर अपने मटका वैन में 700 लीटर पानी लेकर प्यासों के गले को तर करते हैं। ये लोगों को मुफ्त पानी पिलाते हैं। ये इसे कोई सोशल वर्क समझकर नहीं बल्कि मानवता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए करते हैं। इनकी कहानी बेहद दिलचस्प है। तो विस्तार से जानिए
लंदन में थे इंजीनियर, 32 साल तक किया काम
मटका मैन ने लंदन में 32 बरस तक इंजीनियर का काम किया है। उनके साथ ज़िंदगी बदलने वाली घटना हुई। पता लगा उनको मलाशय का कैंसर है। समय रहते इलाज भी हो गया। लेकिन इलाज के बाद मन बदल गया। 2005 में भारत लौट आए, सपरिवार. रिटायर होकर अलग-अलग एनजीओ संग जुड़े रहे।
फिर आया मटका रखने का विचार
बाद में उन्हें उन्हें प्यासों को पानी पिलाकर समाज के लिए कुछ अच्छा काम करने का विचार आया। उसके बाद उन्होंने मटके खरीदे और चल पड़े प्यासों की प्यास बुझाने। IIT, ग्रीन पार्क, पंचशील और चिराग दिल्ली जैसी जगहों पर पानी के मटका रखा। नटराजन बताते हैं कि यह पानी तीन बोरवेल से आता है। बोरवेल के मालिक इस काम को नेक मानते हैं और उनकी मदद करते हैं। वो हर दिन मटका स्टैंड के करीब 4 बार चक्कर लगाते हैं, ताकि कोई भी मटका खाली न रह जाए।
मटकों पर लिखा है फोन नंबर
इसके अलावा हर मटके पर उनका फोन नंबर लिखा हुआ है। अगर आपको कोई मटका खाली मिलता है तो आप दिए गए नंबर पर फोन करने इसकी सूचना दे सकते हैं। सूचना मिलने के बाद वो खाली मटकों को तुरंत भरवाते हैं। नटराजन की पत्नी भी उनका बराबर साथ देती हैं। अब अंत में आपको एक बात बतानी जरूरी है और ये कि सुपरहीरोज तो कल्पना के होते हैं, मटका मैन असली हीरो हैं।
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