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Exclusive: कारगिल शहीद सौरभ कालिया के पिता ने बयां किया अपना दर्द

By Richa
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बेंगलुरु। वर्ष 1999 में हुआ कारगिल युद्ध न सिर्फ पाकिस्‍तान पर भारत की विजय गाथा का उदाहरण है बल्कि इसके साथ ही उन तमाम शहीदों का जिक्र भी होता है जिन्‍होंने देश की रक्षा में अपना सबकुछ दे दिया। जाट रेजीमेंट के कैप्‍टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथी जवान इस युद्ध में शहीद होने वाले बहादुरों का पहला नाम हैं। सोमवार को जो कुछ भी हुआ उससे शहीद कालिया के पिता और पूरा परिवार सन्‍न है। उन्‍हें इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा कि सेना और सैनिकों के दम पर आगे बढ़ने वाली यह सरकार अब इस तरह यू-टर्न ले लेगी। वनइंडिया के साथ शहीद कालिया के पिता डॉक्‍टर एनके कालिया ने बातचीत में अपना दर्द बयां किया।

सैनिकों की कद्र कम हो गई

मई 1999 में कारगिल वॉर के आधिकारिक शुरुआत से पहले ही पाक सेना ने कैप्‍टन कालिया और उनके साथ पेट्रोलिंग पर गए पांच जवानों को अगवा कर लिया था। इसके बाद उन्‍हें काफी बुरी तरह से प्रताड़‍ित किया गया। 6 जून को कैप्‍टन कालिया और उनके साथी जवानों के शव मिले थे। डॉक्‍टर कालिया की मानें तो आज लगने लगा है कि शायद इस देश में सैनिकों की कद्र कम होती जा रही है। वह कहते हैं कि अगर ऐसा ही रहा तो शायद नौजवान पीढ़ी का भरोसा कम हो जाएगा फिर देश की रक्षा करने वाले बहादुर भी कम मिलेंगे।

सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में खोया अपना सपूत

शहीद कालिया की उम्र सिर्फ 22 वर्ष थी जब वह शहीद हुए थे। उनके पिता और उनके कोर्समेट्स को आज तक याद है कि बाकी यंगस्‍टर्स की ही तरह शहीद कालिया भी अपनी पहली सैलरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। लेकिन वह अपनी पहली सैलरी लेने से पहले ही शहीद हो गए थे। डॉक्‍टर कालिया को इस बात का मलाल है कि सरकारों को उनके बेटे की ही तरह बाकी पांच जवानों की शहादत का कोई इल्‍म ही नहीं है। वह कहते हैं, 'खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इस सरकार से काफी उम्‍मीदें थीं लेकिन अब लगता है कि लड़ाई अकेले ही लड़नी होगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और हमें पूरा यकीन है कि हमें इस जंग में जीत जरूर हासिल होगी।'

सरकार से सख्‍त नाराजगी

फिलहाल शहीद कालिया के पिता डॉक्‍टर एनके कालिया को पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार के किसी भी वरिष्‍ठ मंत्री से मिलने का कोई इरादा नहीं है। सरकार का जिक्र सुनते ही वह नाराज हो जाते हैं। उन्‍होंने कहा न तो उनकी पीएम से मिलने की कोई इच्‍छा है और न ही सरकार के किसी मंत्री से वह मिलना चाहते हैं। उनकी सिर्फ और सिर्फ एक उम्‍मीद है और वह है सुप्रीम कोर्ट। वह कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। 25 अगस्‍त को होने वाली सुनवाई का वह इंतजार कर रहे हैं और वह मानते हैं कि उन्‍हें इंसाफ जरूर मिलेगा।

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English summary
PM Nanrendra Modi's government sudden u turn disappoints Kargil martyer Captain Saurabh Kalia's family His father feels that government has betrayed them like previous UPA government.
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