घरेलू हिंसा केस में अब बहू को जेल भेजेगी सास
मेनका गांधी का मानना है कि घरेलू हिंसा कानून ऐसा होना चाहिए जो बहू के साथ-साथ, सास को भी सुरक्षा प्रदान करे। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक मेनका गांधी के हवाले से ये बात कही गई है। भारतीय संविधान में मौजूद महिला सुरक्षा कानून किसी भी ऐसे पुरुष की घरेलू हिंसा से बचाता है, जो उसके साथ 'एक ही घर में रहता हो, या रक्तसंबंधी हो, उनके बीच शादी या ऐसी ही प्रवृत्ति का संबंध हो, गोद लिया गया हो या परिवार के सदस्य संयुक्त परिवार के रूप में साथ रहते हों। आपको बता दें कि इस कानून में महिला को आरोपी बनाने की व्यवस्था नहीं है।
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि महिला-बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इस बारे में अधिकारियों से बात की है और नए प्रावधान के बारे में काम करने का दिशानिर्देश जारी किया है। मेनका गांधी चाहती है कि अपने बेटे या बहुओं की ओर से घरेलू हिंसा की शिकार होने वाली महिलाओं को भी सुरक्षा प्रदान की जा सके।
दरअसल मेनका गांधी के सामने ऐसे कई ऐसे मामले आए, जिसमें सास अथवा उम्रदराज महिलाओं के साथ उनके बेटों और बहुओं ने बदसलूकी की। ऐसे में मेनका का मानना है कि हर महिला को कानून के तहत सुरक्षा दी जानी चाहिए।