महाराष्ट्र में मराठाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग को फड़नवीस सरकार ने स्वीकार किया
नई दिल्ली। महाराष्ट सरकार ने रविवार को मराठा समुदाय को आरक्षण देने की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। महाराष्ट्र स्टेट बैकवर्ड क्लास कमीशन ने तीन सुझाव के साथ अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि अभी तक इस बात का निर्ण नहीं लिया गया है कि मराठाओं को कितने फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। मुख्मयंत्री देवेंद्र फड़णनवीस ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कमेटी की सिफारिशो कों स्वीकार कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमीशन की मुख्य सिफारिशो को स्वीकार कर लिया गया है, जिसमे सबसे अहम सिफारिश थी कि मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाना, जबकि दूसरी सिफारिश थी कि उन्हें आरक्षण दिया जाए, वहीं तीसरी सिफारिश थी कि मौजूदा आरक्षण में संशोधन नहीं किया जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। हमने सभी तीन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। साथ ही इसके लिए एक सब कमेटी का गठन किया गया जोकि इसे लागू करने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रिपोर्ट का सेंट्रल बैकवर्ड क्लास कमीशन से पास कराने की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि तमिलनाडु एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आरक्षण को 50 फीसदी से अधिक बढ़ा दिया गया था, लेकिन अभी यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वहीं जब फड़नवीस से पूछा गया कि अगर इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो क्या होगा, इसपर उन्हो्ंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षणम को रद्द नहीं किया है , यह फैसला लंबित है। आपको बता दें कि प्रदेश में मराठा समुदाय का काफी दबदबा है, प्रदेश की 30 फीसदी आबादी मराठा है।
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