Madhya Pradesh Political Crisis: मध्य प्रदेश में भाजपा कैसे बना सकती है सरकार?
भोपाल। होली के पर्व पर एमपी की राजनीति में सियासी रंग एकदम उफान पर है, बीते एक हफ्ते से चल रहे उथल-पुथल पर उस समय तूफान आ गया जिस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के बाद ताबड़तोड़ 19 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया जिससे 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार के सामने अस्तित्व बचाने का संकट गहरा गया।
एमपी में कांग्रेस की सरकार संकट में
कहते हैं सियासी ऊंट कब किस करवट बैठेगा कहा नहीं जा सकता है, फिलहाल कांग्रेस से नाराज चल रहे सिंधिया ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दिया है, जिसके बाद कांग्रेस की सरकार संकट में आ गई है।
क्या है गणित
दरअसल इस वक्त एमपी में 230 विधानसभा सीटें हैं लेकिन दो विधायकों के निधन हो जाने के चलते विधानसभा की मौजूदा सीट 228 हो गई है, किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए मैजिक नंबर 115 चाहिए होता है और जो तस्वीर इस वक्त विधानसभा में है उसके मुताबिक कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जिसमें से 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन उसको मिला हुआ है, यानी मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं।
ऐसे बना सकती है बीजेपी सरकार...
लेकिन अब जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है और उनके पास 20 से लेकर 24 विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है ऐसे में कांग्रेस बहुमत से दूर दिख रही है, जिसके हिसाब से एमपी में कमल का नाथ बनना मु्श्किल दिख रहा है, अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के पास महज 101 विधायकों का समर्थन रह जाएगा, जबकि सरकार चलाने के लिए जादुई आंकड़ा 104 हो जाएगा।
बागी विधायकों ने इस वक्त बेंगलुरु में डेरा जमाया हुआ है...
ऐसे में बीजेपी 107 विधायकों के साथ आसानी से सरकार बना लेगी,यहां खास बात आपको यह बता दें कि सपा, बसपा और निर्दलीय पर दल बदल लागू कानून लागू नहीं होगा। कहा जा रहा है कांग्रेस के बागी विधायकों ने इस वक्त बेंगलुरु में डेरा जमाया हुआ है और सभी विधायकों के फोन बंद पड़े हुए है।