लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, इस सत्र में पास हुए 36 बिल
नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा के पहले सत्र की कार्यवाही मंगलवार को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित कर दी गई। जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय बनाने के संकल्प तथा राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के प्रावधान वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 को सदन की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। बता दें कि मौजूदा सत्र को 7 अगस्त तक के लिए बढ़ाया गया था। लेकिन एक दिन पहले ही आज सदन को स्थगित कर दिया गया।
जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक एतिहासिक सत्र था। 1952 से लेकर 17वीं लोकसभा का यह सत्र लोकसभा का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है।उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से शुरू हुआ था जो आज खत्म हो रहा है, जिसमें कुल 37 बैठकें हुआ, जो करीब 280 घंटे तक चली। इस सत्र में एक सत्र में अब तक सबसे ज्यादा, 36 विधेयक पारित किए गए, एक हजार से ज्यादा लोक हित के मुद्दे शून्यकाल में उठाए गए।
ओम बिरला ने कहा कि, सत्र की पहली बैठक कुछ देर मौन रहकर शुरू हुई थी।17 और 18 जून को कुल 539 सदस्यों ने शपथ ली।19 जून को लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन का प्रस्ताव रखा गया और सभा को मुझे चुनने के लिए गर्व महसूस कर रहा हूं। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सभा ने 24 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव को 13 घंटे की चर्चा के बाद स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि, इस दौरान सदन में अहम विधायी कामों का निपटान हुआ, बजट पर 23 घंटे, रेलवे अनुदानों पर 13 घंटे, सड़क अनुदान मांगों पर 7 घंटे, ग्रामीण विकास अनुदानों पर 9 घंटे, युवा मामलों की मांगों पर 4 घंटे तक चर्चा चली। अन्य बकाया अनुदान मांगों को 17 जुलाई को रखा गया और स्वीकार किया गया।वर्तमान सत्र में कुल 36 विधेयक पारित हुए और संसद के अंदर 1992 से आजतक सबसे ज्यादा बिल आप सभी ने पारित किए हैं। लोकसभा स्पीकर ने मीडिया को भी बधाई दी और कहा कि आप लोगों ने सारगर्भित तरीके से सदन की कार्यावही को देश के सामने रखा। वंदे मातरम् गायन के साथ सदन को स्थगित कर दिया गया।
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