यूपी में उल्टा हो जाएगा BJP का 73 का आंकड़ा, देश के सबसे नामचीन पत्रकार का सर्वे
यूपी में भाजपा को अखिलेश-मायावती का महागठबंधन कितनी सीटों का नुकसान पहुंचाएगा, इसे लेकर एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है।
नई दिल्ली। 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 2019 की सियासी बिसात पर अब मोहरे बिछने शुरू हो गए हैं। अपनी तीन दिन की गंगा यात्रा के जरिए कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी जहां पार्टी को प्रदेश में फिर से खड़ा करने में जुटी हैं, तो वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी सीटों के सर्वे जुटाकर मजबूत प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं। इस बीच एक ऐसा विश्लेषण सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि यूपी में बना समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का महागठबंधन भाजपा को कितना नुकसान पहुंचा सकता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक 71 सीटें मिली थीं, जबकि दो सीटें उसके सहयोगी अपना दल के खाते में गईं थी।
37 सीटों पर सिमट सकता है NDA
एनडीटीवी के प्रणव रॉय के मुताबिक, यूपी में बना सपा-बसपा का महागठबंधन भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। प्रणव रॉय के डेटा एनालिसिस के अनुसार अखिलेश यादव और मायावती के मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति के आगे यूपी में एनडीए 73 सीटों से घटकर 37 सीटों पर सिमट सकता है। एनडीए 37 सीटें भी उस स्थिति में हासिल कर सकता है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का स्तर 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह यूपी में बना रहे। डेटा एनालिसिस के मुताबिक अगर सपा-बसपा और आरएलडी के इस महागठबंधन में कांग्रेस भी शामिल होती, तो एनडीए को 14 सीटों का और नुकसान उठाना पड़ सकता है और वो 23 सीटों पर आ सकती है।
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कांग्रेस को अखिलेश-मायावती की 'ना'
आपको बता दें कि सपा-बसपा और आरएलडी के महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया है। अखिलेश यादव और मायावती लगातार इस बात को जोर देकर कहते रहे हैं कि वो कांग्रेस के साथ देश के किसी भी राज्य में गठबंधन नहीं करेंगे। माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति में यूपी की ज्यादातर सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। मंगलवार को मायावती ने कांग्रेस की तरफ से महागठबंधन के लिए 7 सीटें छोड़े जाने पर ट्वीट कर कहा कि इस तरह जबरन 7 सीटें छोड़कर कांग्रेस महागठबंधन को लेकर भ्रम पैदा करने की कोशिश ना करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूपी की 80 सीटों पर अकेल चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी मायावती के ट्वीट को रिट्वीट कर कहा कि कांग्रेस भ्रम ना फैलाए।
दूसरी पार्टियों की मदद करे कांग्रेस: अखिलेश
अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि देश की एक बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को अन्य राजनीतिक पार्टियों की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए। अखिलेश ने कहा, 'उदाहरण के लिए, उन्हें पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए। दिल्ली में उन्हें अरविंद केजरीवाल का समर्थन करना चाहिए। इस तरह उत्तर प्रदेश के अंदर हमारा गठबंधन तैयार है तो कांग्रेस को हमारा समर्थन करना चाहिए।' गौरतलब है कि कांग्रेस में कुछ नेताओं का मानना है कि अगर उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा होती तो भाजपा को हराने के सामूहिक प्रयास में काफी मदद मिलती। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि इससे केवल जीत में वोटों के अंतर पर असर पड़ेगा।
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