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जानिए, टीकाकरण के पहले चरण में इन राज्यों को क्यों मिलेगी सर्वाधिक वैक्सीन की खुराक?

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी की संभावित वैक्सीन की आहट के बीच टीकाकरण की प्राथमिकता को लेकर छिड़ी बहस के बीच अब देश के विभिन्न राज्यों में टीके की खुराक के वितरण को लेकर बहस शुरू हो गई है कि किन राज्यों को टीकाकरण की कितनी खुराक दिए जाएंगे। भारत में टीकाकरण के लिए सरकार ने करीब 160 करोड़ वैक्सीन खुराक बुक करवा चुकी है और वैक्सीन देने की प्राथमिकता का वरीयता क्रम भी तैयार कर ली गई है।

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टीकाकरण के वरीयता क्रम में सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर होंगे

टीकाकरण के वरीयता क्रम में सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर होंगे

टीकाकरण के वरीयता क्रम में सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर होंगे और दूसरे नंबर सेना, पुलिस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम कर्मचारी होंगे, जबकि तीसरे नंबर पर 50 साल पार कर चुके लोग रखे गए है। वहीं, चौथे नंबर 50 से कम उम्र के उन लोगों को रखा गया है, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित होंगे। फिलहाल, भारत में तकरीबन 1 करोड़ लोगों को महामारी चपेट में ले चुकी है, जबकि 1 लाख 40 हजार से अधिक लोगों की जान ले चुका है।

 इन राज्यों में वैक्सीन की खुराक सरकार को अधिक मुहैया कराना पड़ेगा

इन राज्यों में वैक्सीन की खुराक सरकार को अधिक मुहैया कराना पड़ेगा

माना जा रहा है कि विभिन्न राज्यों में पहले और दूसरे वरीयता क्रम के टीकाकरण के बाद तीसरे और चौथे क्रम के लोगों की आबादी के हिसाब से टीकाकरण के लिए टीके की खुराक वितरित की जाएगी। ऐसे में उन राज्यों में वैक्सीन की खुराक सरकार को अधिक मुहैया कराना पड़ेगा, जहां ज्यादा उम्र वाले और गंभीर बीमारी से ग्रस्त 50 पार लोगों की संख्या ज्यादा होगी। कहने का मतलब है कि सरकार को उन राज्यों में अधिक वैक्सीन की खुराक का वितरण करना पड़ेगा, जहां ऐसे लोगों की संख्या अथवा आबादी ज्यादा होगी।

तमिलनाडु को अन्य की तुलना में अधिक वैक्सीन की खुराक मिलेगी

तमिलनाडु को अन्य की तुलना में अधिक वैक्सीन की खुराक मिलेगी

TOI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में तमिलनाडु को मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान के मुकाबले ज्यादा वैक्सीन की खुराक मिलेगी। बिहार की अनुमानित आबादी 12.3 करोड़ है जबकि तमिलनाडु की 7.6 करोड़ है, जो बिहार की आबादी से 60 अधिक है, लेकिन बिहार में चूंकि 50 से अधिक उम्र वाले 1.8 करोड़ ली है, इसलिए बिहार की तुलना में तमिलनाडु को अधिक वैक्सीन की खुराक मिलेगी, जहां 50 से अधिक उम्र वाले लोगों की आबादी करीब 2 करोड़ है।

ज्यादा युवा आबादी के चलते बिहार को कम वैक्सीन की खुराक मिलेगी

ज्यादा युवा आबादी के चलते बिहार को कम वैक्सीन की खुराक मिलेगी

बिहार को कम वैक्सीन की खुराक मिलने के एक कारण यह भी है कि वहां की ज्यादा आबादी युवा भी है और 50 पार आबादी वालों को गंभीर बीमारी भी औसतन कम है। इसका मतलब यह है कि आबादी के लिहाज से कोरोना वैक्सीन का वितरण प्रदेशों में नहीं होगा। इसका आधार रिस्क फैक्टर और तीसरे और चौथे क्रम की आबादी होगी। यानी वैक्सीन वितरण के पहले चरण में बड़े आबादी वाले राज्यों में अगर तीसरे और चौथे वरीयता वाले लोगों की संख्या कम है, तो उन्हें वैक्सीन की खुराक दी जाएगी।

कोरोना वैक्सीन की खुराक का वितरण इन राज्यों में ज्यादा होगा

कोरोना वैक्सीन की खुराक का वितरण इन राज्यों में ज्यादा होगा

कोरोना वैक्सीन की खुराक का वितरण उन राज्यों में ज्यादा होगा, जहां बुजुर्ग आबादी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में केवल 15 फीसदी लोग ही 50 साल से अधिक उम्र वाले हैं। इसके बावजूद सबसे ज्यादा वैक्सीन उसे मिलेगी, क्योंकि वहां की आबादी काफी ज्यादा है। वहीं, 50 साल से अधिक उम्र वाली आबादी के लिहाज से यूपी के बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का नंबर आता है।

यूपी में 3.6 करोड़ लोग पहले चरण में वैक्सीन की खुराक पाने के योग्य हैं

यूपी में 3.6 करोड़ लोग पहले चरण में वैक्सीन की खुराक पाने के योग्य हैं

यूपी में 3.6 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो टीकाकरण अभियान के पहले चरण में वैक्सीन की खुराक पाने के योग्य होंगे। महाराष्ट्र की करीब 33 फीसदी आबादी पहले चरण में शामिल हो सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र की 22 फीसदी आबादी यानी 2.7 करोड़ जनसंख्या 50 से अधिक उम्र वाली है। महाराष्ट्र में डायबिटीज, हाइपर टेंशन वाले मरीजों का अनुपात भी ज्यादा है, जो महाराष्ट्र में टीकाकरण में शामिल होने वालों की संख्या और डोज को और बढ़ाएगा।

गंभीर बीमारी के लिहाज से केरल को सर्वाधिक वैक्सीन के डोज मिलेंगे

गंभीर बीमारी के लिहाज से केरल को सर्वाधिक वैक्सीन के डोज मिलेंगे

अगर राज्यों की आबादी को वैक्सीन की जरूरत के लिहाज से देखा जाए तो केरल का नंबर सबसे पहले आएगा। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NHFS) 2019-20 के अनुसार देश के 17 राज्यों में और 5 केंद्रशासित प्रदेशों में से आबादी के लिहाज से हाइपर टेंशन और डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज केरल में ही है। वहां कि 25.3 फीसदी आबादी मधुमेह से ग्रस्त है, जबकि 13.7 फीसदी आबादी हाइपेर टेंशन से पीड़ित है।

टीकाकरण में गंभीर रोगों से ग्रसित 50 पार को प्राथमिकता देगी सरकार

टीकाकरण में गंभीर रोगों से ग्रसित 50 पार को प्राथमिकता देगी सरकार

चूंकि नए सर्वे में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का डेटा उपलब्ध नहीं है, इसलिए वहां वैक्सीन की खुराक की जरूरत को लेकर असमंजस बना हुआ है, लेकिन सरकार चूंकि पहले चरण के टीकाकरण में ऐसे गंभीर रोगों से ग्रसित 50 पार लोगों को प्राथमिकता देगी, तो माना जा रहा है कि सरकार आबादी के हिसाब से इन प्रदेशों में अनुमानित वैक्सीन की खुराक से अधिक डोज वितरण कर सकती है।

गंभीर रोग से पीड़ित कोरोना रोगियों की स्थिति ज्यादा जोखिम भरी होती है

गंभीर रोग से पीड़ित कोरोना रोगियों की स्थिति ज्यादा जोखिम भरी होती है

गौरतलब है हाइपर टेंशन और डायबिटीज जैसी गंभीर रोग से पीड़ित कोरोना संक्रमित लोगों को स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है। इस वजह से सरकार ने टीकाकरण के लिए 50 से कम उम्र वाले मरीजों को टीकाकरण की वरीयता में चौथे क्रम में रखा है। 2015-16 के फैमिली सर्वे पर आधारित एक हालिया रिसर्च की मानें तो देश में 50 साल से कम उम्र वाली करीब 6.5 फीसदी आबादी को डायबिटीज है।

भारत में डायबिटीज रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या 7.7 करोड़ है

भारत में डायबिटीज रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या 7.7 करोड़ है

भारत में डायबिटीज पीड़ित मरीजों की आबादी का आंकड़ा बताता है कि भारत सरकार द्वारा टीकाकरण के लिए तैयार चौथी वरीयता वाले लोगों के टीकाकरण के लिए कितने बड़े डोज की जरूरत पड़ सकती है। मौजूदा समय में भारत डायबिटीज की राजधानी के रूप में उभरी है, जहां टीकाकरण वाले की आबादी कितनी हो सकती है। हालिया आंकड़ों के मुताबिक भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 7.7 करोड़ है और यह संख्या अब 8 करोड़ पार चुकी है।

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English summary
The debate over the distribution of vaccine doses in various states of the country has started as to how many vaccination doses will be in the midst of a debate on the priority of vaccination amid a potential vaccine outbreak of the Corona epidemic. The government has already booked 160 million vaccine doses for vaccination in India and the priority sequence for the vaccine's priority has also been prepared.
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