ओडिशा और आंध्र से टकराने को तैयार महातूफान 'पिलिन', तीनों सेनाएं अलर्ट
यहां भी भारी बारिश की आसंका जताई जा रही है। मौसम के जानकारों का कहना है कि तूफान का असर सिर्फ उड़ीसा या आंध्रप्रदेश तक सीमित नहीं रहेग, बल्कि दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक इसके प्रभाव से भारी बारिश होगी।इस महातूफान को देखते हुए केन्द्र और राज्य सरकारों ने कमर कस ली है। तीनों सेनाओं को अलर्ट जारी कर दिया गया है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी एनडीएमए ने राज्य सरकारों को सतर्क कर दिया है। एनडीआरएफ की कई टीमें उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में तैनात कर दी गई हैं।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने तीनों सेनाओं- थलसेना, वायुसेना और नौसेना- को संभावित चक्रवात- 'फेलिन' के मद्देनजर पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। वायुसेना के दो आईएल-76, राष्ट्रीय आपदा राहत बल के दलों और साजो-सामान के साथ शुक्रवार सुबह भुवनेश्वर भेजे गए। वायुसेना के अन्य साजो-सामान को रायपुर, नागपुर, जगदलपुर, बैरकपुर, रांची और ग्वालियर सहित विभिन्न वायुसेना के अड्डों पर आवश्यकता पड़ने पर तैयार रखा गया है।
वायुसेना ने आपात स्थिति में शीघ्र कार्रवाई के लिए एमआई-17वी5 और दो एएन-32, 18 हेलीकॉप्टरों सहित दो सीआई-30जे सुपर हरक्यूलिस एयर क्राफ्ट तैनात किए हैं। वायुसेना ने बैरकपुर स्थित अपनी पूर्वी वायु कमान को राज्य प्रशासन को राहत कार्य में पूरी सहायता देने के लिए तैयार रखा है।
विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी नौसेना कमान ने आवश्यकता पड़ने पर राहत कार्य में सहायता के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर भारतीय नौसेना के गोताखोरों को तैयार रखा है। इनके अलावा नौसेना ने कुछ चेतक और यूएच-3एच हेलिकॉप्टरों को जरूरत होने पर राहत और बचाव अभियान शुरू करने के लिए तैनात रखा है। नौसेना ने आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई के लिए आपदा राहत जहाजों को भी तैयार रखा है। रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के मद्देनजर, तटरक्षक मुख्यालय ने आंध-प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम-बंगाल की राज्य सरकारों को मछुआरों, जहाजों और स्थानीय लोगों को एहतियाती उपाय करने के लिए एडवाइजरी जारी करने को कहा है।
इन तीनों राज्यों में तटरक्षक इकाइयों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है जिससे कि वे समुद्र और तटीय क्षेत्रों में खोज और राहत कार्यों में सहायता दे सकें। चक्रवात के दौरान और उसके बाद की परिस्थितियों से निपटने में सहायता के लिए तटरक्षक अन्य बलों और नागरिक प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। पूर्वी समुद्र तटीय क्षेत्र के सभी तटरक्षक जहाजों और विमानों को राज्य प्रशासन की तुरंत सहायता के लिए तैयार रखा गया है।