केजरीवाल ने दिल्ली में रेलवे ट्रेक के किनारे झुग्यियों में रहने वाले 48,000 लोगों के लिए किया बड़ा ऐलान
केजरीवाल का ऐलान, रेलवे ट्रेक के किनारे झुग्गियों में रहने वाले 48,000 लोगों को देगी पक्का मकान
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे रहने वाले लोगों और दिल्ली में शंटियों में रहने वाले 48 हजार लोगों को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पक्का मकान देने की घोषणा की है।
केजरीवाल ट्रेक पर रहने वाले 48 हजार लोगों को देंगे पक्का मकान
सोमवार को दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली में लगभग 48,000 शंटियों के साथ-साथ रेलवे ट्रैक पर रहने वाले लोगों के लिए 'पक्के मकान' सुनिश्चित करूंगा, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ध्वस्त किया जाना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 5 किलोमीटर के दायरे में घर मुहैया कराया जाएगा, जहां शांति होगी।
केन्द्र सरकार ने बताया रेलवे ट्रेक पर बनीं झुग्गियों को फिलहाल नहीं हटाया जाएगा
बता दें सोमवार को ही केन्द्र सरकार ने देश की सर्वोच्च न्यायालय में बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनीं झुग्गियों को फिलहाल नहीं हटाया जाएगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि फिलहाल वह दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बसी 48 हजार झुग्गियों को नहीं हटाएगी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा रेलवे, केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर बात करेंगे और चार हफ्ते में हल निकालेंगे। इस फैसले के बाद 48 हजार झुग्गियां वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। वहीं अब केजरीवाल के इस ऐलान ने रेलवे ट्रेक के किनारे रहने वाले लोगों को पक्के मकान की घोषणा करके केन्द्र सरकार को एक और काउंटर किया है।
कांग्रेस नेता की याचिका पर सोमवार को कोर्ट ने की ये सुनवाई
गौरतलब है कि दिल्ली में रेलवे की जमीन पर बसी 48 हजार झुग्गियों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता अजय माकन की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह सुनवाई की। इस मामले में माकन की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा।
चार हफ्ते ने इस मामले में निकाला जाएगा हल
केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि शहरी विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दिल्ली सरकार एक साथ बैठकर चार हफ्तों में इस मामले का हल निकालेंगे, तब तक झुग्गियों को नहीं ढहाया जाएगा। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले को चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया। बता दें कि, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इन्हें तीन माह के भीतर हटाने का निर्देश दिया था।