कानपुर का गैगस्टर विकास दुबे नाम बदलकर फर्जी आईडी से चार राज्यों की पुलिस को देता रहा चकमा
नई दिल्ली। कानपुर में कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाला बदमाश विकास दुबे आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। कानपुर एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी जिसके बाद यूपी पुलिस लगातार विकास दुबे को तलाश रही थी। जिसे आज आखिरकार मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल विकास महाकाल मंदिर जा रहा था, इसी दौरान एक सुरक्षाकर्मी ने उसे पहचान लिया और उसे पकड़ लिया गया। पिछले पांच दिनों से विकास दुबे चार राज्यों की पुलिस को चकमा दे रहा था।
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पॉल नाम की आईडी से अलग-अलग राज्यों में गया
जब विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वह इस दौरान चिल्लाकर अपनी पहचान बता रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। विकास की गिरफ्तारी के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम दास ने कहा कि विकास मध्य प्रदेश में अपने दो सहयोगियों के साथ कार से आया, इस दौरान उसने फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया और खुद का सर नेम पॉल बताया था। यही वजह है कि विकास दुबे अलग-अलग राज्यों की पुलिस को चकमा देकर पुलिस की पकड़ से दूर रहा।
8 पुलिसकर्मियों की गई थी जान
बता दे कि पिछले शुक्रवार को जब पुलिस की टीम दुबे के घर बिकरू गांव उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस की टीम पर गोलियां बरसा दीं। अहम बात यह है कि विकास दुबे को पहले ही इस बात की जानकारी मिल गई थी कि पुलिस की टीम छापेमारी के लिए आ रही है, जिसकी वजह से उसने पहले से ही अपनी तैयारी पूरी कर ली थी और घर की छत से उसने और उसके गुर्गों ने पुलिस की टीम पर गोलियां बरसा दीं, जिसमे 8 पुलिसकर्मियों की जान चली गई।
5 लाख रुपए का था इनाम
इस एनकाउंटर के बाद विकास दुबे मौके से फरार होने में सफल रहा। जिसके बाद से पुलिस की टीम लगातार उसकी धरपकड़ के लिए छापेमारी कर ररही थी। इस पूरे मामले में दो पुलिस वालों को भी गिरफ्तार किया गया है, इनपर आरोप है कि ये लोग विकास दुबे के साथ मिले थे और इन्होंने विकास को भागने में मदद की थी। विकास दुबे पर पहले एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया था। पुलिस ने अलग-अलग मुठभेड़ में विकास दुबे के चार साथियों को ढेर कर दिया है।