लॉकडाउन के तुरंत बाद रेलवे सिर्फ ऐसे यात्रियों को ही दे सकता ट्रेन से सफर करने की इजाजत
नई दिल्ली- सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन भारतीय रेलवे 14 अप्रैल के बाद यात्रियों के लिए ट्रेन सेवाएं फिर से बहाल करने की तैयारियों को लेकर विचार शुरू कर चुका है। क्योंकि, 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद यात्री सेवाएं दोबारा बहाल करने से पहले कई तरह की तैयारियों की जरूरत है, खासकर ऐसे समय में जब कोरोना वायरस का संक्रमण फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। जाहिर है कि भारतीय रेलवे को अपनी जिम्मेदारियों का पूरा एहसास है और उसे यात्री सेवाएं बहाल करने का आदेश मिलेगा तो वह यात्रियों की सुरक्षा से किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देना चाहेगा। इसलिए रेलवे के तमाम जोन के बड़े अधिकारी उन संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार करने में लगे हैं, जो 14 तारीख के बाद उनके सामने आ सकते हैं। इसके लिए उनके पास कई तरह के प्रस्ताव हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ रहें, उन्हें ही फिलहाल यात्रा करने की अनुमति दी जाए।
अगले हफ्ते लिया जा सकता है सेवा बहाल करने पर फैसला
14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खत्म होने की परिस्थतियों को लेकर भारतीय रेलवे इन दिनों कई तरह के मंथन की दौर से गुजर रहा है। इस दौरान भारतीय रेलवे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही यात्रियों को कोरोना वायरस के प्रति लगातार सचेत और जागरुक बनाए रखने के लिए कई तरह के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। इसमें यात्रियों की सेहत की जांच से लेकर यात्रियों को फेस मास्क लगाकर ही यात्रा करने की सलाह देने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। हालांकि, रेल यात्रा शुरू होने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन रेलवे के अधिकारियों का मानना है कि सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद रेल सेवाएं एक साथ शुरू नहीं होकर अलग-अलग फेज में शुरू की जा सकती हैं। वैसे रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि अगले हफ्ते ट्रेन सेवाएं शुरू किए जाने को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है।
पहले किन रूटों पर रहेगा फोकस ?
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'यह बहुत ही संवेदनशील वक्त है और हम लोग इस समय राजस्व प्राप्ति को लेकर नहीं सोच रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा पर हमारा फोकस है और यह सुनिश्चित करना है कि बीमारी फैलने न पाए। सरकार जैसे ही हर झंडी देगी, ट्रेन उसी के मुताबिक चलने लगेगी। हालांकि, अभी तक हमने कोई भी फैसला नहीं लिया है।' रेलवे अधिकारियों ने ये भी कहा है कि ट्रेन सेवाओं के शुरू करने के कई विकल्पों पर चर्चा की गई है, लेकिन, हर ट्रेन को रेलवे बोर्ड से विशेष मंजूरी के बाद ही चलाया जाएगा। अलग-अलग चरणों में ट्रेन चलाने की योजना रेलवे जोन की ओर से बोर्ड को दिया जाएगा। जहां तक जोन की बात है तो वहां ऐसे ट्रेनों और रूट की पहचान की जा रही है, जिसे बोर्ड की मंजूरी के बाद शुरू किया जा सके। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह देखना है कि फोकस किस पर रहता है। मसलन, क्या पहले प्रवासी मजदूरों के निकालने वाले रूटों और जो कोविड-19 के हॉटस्पॉट के इलाके नहीं हैं क्या वहां सेवाएं शुरू की जाती हैं?
सिर्फ स्वस्थ लोगों को ही मिल सकती है सफर की इजाजत
इसके साथ ही रेलवे उन प्रोटोकॉल पर भी विचार कर रहा है, जिसे यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर लागू करना जरूरी समझा जा सकता है। मसलन, रेलवे यह विचार कर रहा है कि क्या पैसेंजर को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही ट्रेन में चढ़ने देने की व्यवस्था की जाए। इस तरह के कई प्रस्वाव रेल अधिकारियों के विचार में चल रहे हैं। एक रेलवे अधिकारी के मुताबिक, 'सेवाए शुरू होने के बाद हम लोग सोच रहे हैं कि यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक मास्क पहनने को कहें। हम मरीजों के स्वास्थ्य और अच्छी सेहत के लिए आरोग्य ऐप्प इस्तेमाल करने और सिर्फ स्वस्थ पैसेंजर को ही ट्रेन में सवार होने देने की इजाजत देने पर भी विचार कर रहे हैं। '
कई तरह की छूटों पर पाबंदियां जा रही रह सकती हैं
फिलहाल रेलवे ने अपने सभी जोन से यार्ड में खड़े कोचों की सुरक्षा, साफ-सफाई और तमाम तरह की मेंटेनेंस सुनिश्चित करने के लिए भी कह दिया है। क्योंकि, 21 दिनों से पड़े-पड़े इसमें कई तरह की दिक्कतें आने की आशंका है। इसके साथ ही रेलवे गैर-जरूरी यात्राओं को रोकने के लिए लॉकडाउन के बाद भी 19 मार्च के अपने उस आदेश की तामील जारी रख सकता है, जिसमें कुछ खास यात्रा छूटों को छोड़कर सबको स्थगित कर दिया गया था। रेलवे को यह भी अंदाजा है कि सेवाएं जैसे ही शुरू होंगी, स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ सकती है। जाहिर है कि वह इसके लिए भी पहले से तैयारियां कर रहा है।
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