पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में लिपटा हुआ है जयललिता का पार्थिव शरीर
कभी ना खुलने वाली नींद में सोईं जयललिता का पार्थिव शरीर उनके पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में ही लिपटा हुआ है।
चेन्नई। तमिलनाडु की सीएम जयललिता ने सोमवार देर रात दुनिया को अलविदा कह दिया, अम्मा के इस तरह से चले जाने से तमिलनाडु समेत पूरा देश सिसक रहा है। चेन्नई के राजाजी हॉल में शांत, शिथिल पड़ा उनका शरीर बस अब कुछ घंटों का मेहमान हैं।
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कभी ना खुलने वाली नींद में सोईं जयललिता का पार्थिव शरीर उनके पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में ही लिपटा हुआ है। जी हां हरा रंग... जो कि तमिलनाडु की इस कद्दावर नेता की पसंद भी था और पहचान भी।
जयललिता का फेवरेट रंग था 'हरा'
बीते 16 मई को जब जयललिता ने राज्य की छठीं बार सीएम पद की शपथ ली थी तब भी उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहन रखी थी। उनके शपथ ग्रहण समारोह स्थल की पूरी सजावट हरे रंग से की गई थी, राज्यपाल ने जयललिता को जो गुलदस्ता भेंट किया, उसका बाहरी आवरण भी हरे रंग का था।
हर जगह थी 'अम्मा' की हरियाली
जयललिता ने पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के बाद हरे रंग के पेन से कागजात पर दस्तखत किए थे। वे हरे रंग की अंगूठी पहनती थीं। यहां तक की कुछ पार्टी कार्यकत्रियों ने भी उस समारोह में हर रंग की साड़ी पहन रखी थी।
क्यों पसंद था हरा रंग?
कहते हैं रॉयल लाइफ जीने वाली जयललिता कुछ चीजों पर काफी विश्वास करती थीं। जयललिता ने हर चीज अपने दम पर हासिल की थी लेकिन हर चीज के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। इसलिए कहा जाता है कि किसी महान और प्रभावशाली व्यक्ति ने उन्हें हरे रंग से प्रेम करने की सलाह दी थी क्योंकि हरा रंग प्रगति, खुशी, सकून और प्रेम का घोतक होता है और जिस दिन से जयललिता ने उस व्यक्ति की बात मानी थी, उस दिन के बाद से उन्होंने जीवन में केवल प्रगति ही की थी।
खास बातें
- आपको जानकर हैरानी होगी कि जयललिता की हर सभा में हरे रंग के पोस्टर होते थे।
- जयललिता के समर्थकों की साडि़यों के रंग भी हरे होते है।
- पार्टी की वेबसाइट की पृष्ठभूमि, पार्टी के तमिल दैनिक डा. नमाधू एमजीआर में महत्वपूर्ण शीर्षक का रंग भी हरा है।
- अन्नाद्रमुक पार्टी का प्रतीक भी दो पत्तियां हैं।