
Isro Spy Case: सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आरोपियों की अग्रिम जमानत, फिर से हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
इसरो जासूसी मामले में केरल हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को अग्रिम जमानत दी थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट इस मुद्दे पर फिर से सुनवाई करे। हालांकि अगले पांच हफ्ते तक आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी, ताकि वो जमानत के लिए हाईकोर्ट जा सकें।
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ये केस 1994 का है, जिसके आरोपियों में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज, गुजरात के पूर्व एडीजीपी आरबी श्रीकुमार और तीन अन्य शामिल हैं। आरोपियों ने इसरो के एक वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने के लिए झूठा केस बनाया और उन पर एजेंसी की तकनीकी दुश्मन देश को बेचने का आरोप लगा। इस मामले में नंबी करीब दो महीने तक जेल में थे, हालांकि बाद में सारी सच्चाई सामने आ गई और उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया गया, लेकिन उनको और उनके परिवार को काफी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
सीबीआई को मिली थी जांच
कुछ वक्त बाद इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया। जांच में पता चला कि आरोपियों ने नंबी में झूठे केस में फंसाने की कोशिश की। उन्होंने कई फर्जी सबूत भी प्लांट किए थे, लेकिन उनकी सारी पोल खुल गई। इसके बाद नंबी को बाइज्जत बरी कर दिया गया और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरोपियों में से एक के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं कोर्ट से आग्रह करता हूं कि अगर इसे हाईकोर्ट में वापस भेजा जाता है, तो उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की जाए। ऐसे में कोर्ट ने उनकी इस मांग को मान लिया।
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पाकिस्तान का हाथ होने का शक
इस केस में पिछले साल सीबीआई ने केरल हाईकोर्ट को बताया था कि उनको शक है कि इस पूरे केस में पाकिस्तान का हाथ था। हो सकता है कि आरोपियों ने पड़ोसी देश के इशारे पर ये साजिश रची हो।