
ISRO ने हाइपरसोनिक वाहन का किया सफल परीक्षण, ध्वनि से पांच गुना तेज रफ्तार

ISRO भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और मुख्यालय, डिफेंस स्टाफ ने संयुक्त रूप से हाइपरसोनिक वाहन परीक्षण (hypersonic vehicle trials) किया है। परीक्षणों ने सभी जरूरी पैरामीटर हासिल किए और हाइपरसोनिक वाहन क्षमता का उच्च क्षमता प्रदर्शन किया, जिसकी जानकारी इसरो ने साझा की है।
इस ट्रायल के बाद देश को रक्षा के क्षेत्र और ज्यादा अधिक मजबूती मिलेगी। इस वाहन की सबसे खास यह है कि यह ध्वनि की गति से पांच गुना तेज रफ्तार से उड़ान भरती है। जो पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन की हरकतों को फेल करने के लिए अहम हथियार साबित होगा।
जानकारी के मुताबिक एक हाइपरसोनिक वाहन एक हवाई जहाज, मिसाइल या अंतरिक्ष यान हो सकता है। बता दें कि हाइपरसोनिक टेकनीक को लेटस्ट अत्याधुनिक तकनीक मानी जाता है। दुनिया के कई शक्तिशाली देश जैसे चीन, रूस, अमेरिका और भारत सभी हाइपरसोनिक हथियारों की ताकतों को आगे के लिए काम करने में लगे हैं।
आपको बता दें कि भारत पिछले कुछ वर्षों से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा है। अमेरिकी कांग्रेस में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में लगा हुआ है। इस साल रूस ने कथित तौर पर यूक्रेन युद्ध में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल का इस्तेमाल किया था।
भारत अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में एक स्वदेशी, दोहरी-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर रहा है। यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियारों को भी दागने में सक्षम होगी।
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भारत इससे पहले 2019 और सितंबर 2020 में इस तरह की तकनीक का परीक्षण कर चुका है। इस परीक्षण के दौरान स्क्रैमजेट इंजन से लैस हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) की गति 7500 किमी प्रति घंटा मापी गई थी। HSTDV अपने आप में एक हथियार नहीं है, बल्कि इसे हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए एक वाहक वाहन के रूप में विकसित किया जा रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 12 ऐसी हाइपरसोनिक पवन सुरंगें बनाई हैं जहां वह ध्वनि की गति से 13 गुना तेज गति से मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है।