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मुसलमान और ईसाइयों को लेकर ये थी रामनाथ कोविंद की सोच, 2010 का बयान

एनडीए और भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से कई विवाद भी जुड़े हैं, ईसाई और मुस्लिमों पर दिया था विवादित बयान

By Ankur
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नई दिल्ली। एनडीए ने देश के अगले राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर रामनाथ कोविंद का नाम आगे किया है, लेकिन उनके नाम के आगे आने के साथ ही तमाम विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ प्रतिक्रिया देनी भी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने रामनाथ के संघ से जुड़े होने की बात कही है तो कई कई ममता बनर्जी ने भी इशारों ही इशारों में एनडीए की इस पसंद पर सवाल खड़े किए हैं।

दलितों के मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते हैं
रामनाथ को राइटविंग की राजनीति का समर्थक माना जाता है, वह शुरूआत से ही दलितों से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं, यही वजह है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने उनके नाम को आगे बढ़ाया है, ताकि विपक्ष उनके नाम का विरोध नहीं कर सके। लेकिन दलित नेता और आरएसएस से जुड़े होने के अलावा भी रामनाथ कोविंद कई अलग वजहों को लेकर भी विवादों में रहे हैं। रामनाथ कोविंद ने कई ऐसे राजनीतिक बयान दिए जिसको लेकर विवाद खड़ा हुआ, आइए डालते हैं एक नजर।

नोटबंदी का किया था समर्थन
पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले का रामनाथ कोविंद ने पूरी तरह से समर्थन किया था। नोटबंदी को मोदी सरकार का बड़ा आर्थिक सुधार माना जाता है, एक तरफ जहां रामनाथ कोविंद ने नोटबंदी का समर्थन किया तो राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सरकार को नोटबंदी के परिणाम के बारे में चेताया था, उन्होंने कहा था कि इस फैसले का देश की अर्थव्यवस्था और गरीबों पर असर पड़ेगा। हालांकि राष्ट्रपति ने शुरुआत में इस फैसले का स्वागत किया था। पिछले साल दिसंबर माह में रामनाथ कोविंद ने पटना में बिहार चैंबर एंड कॉमर्स के कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि समाज को कालाधन और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए नोटबंदी एक सकारात्मक कदम है। नोटबंदी के बाद गरीब और कमजोर लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, इसके साथ ही आर्थिक स्तर पर देश को काफी मदद मिलेगी, इस फैसले से पारदर्शिता बढ़ेगी।

नोटबंदी से हुआ नुकसान
लेकिन कोविंद के बयान के इतर नोटबंदी के परिणाम कुछ और रहे, नोटबंदी के फैसले ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया और जनवरी-मार्च के बीच जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई और यह 6.1 फीसदी रहा, जोकि पहले आठ फीसदी था। इसके अलावा नोटबंदी का गरीबों पर काफी बुरा असर पड़ा और कई लोगों की नौकरी चली गई। छोटे शहरों में काम करने वाले गरीबों की नौकरी चली गई और उनका धंधा चौपट हो गया। लेबर ब्यूरो के आंकड़े पर नजर डालें तो 1.52 लाख लोगों की नौकरी इस दौरान चली गई जो अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े थे, जिसमें आईटी, बीपीओ सेक्टर भी शामिल हैं, इन लोगों की 2016 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच नौकरी चली गई।

बंगारू लक्ष्मण को बताया था ईमानदार
रामनाथ कोविंद ने पूर्व भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का समर्थन किया था, उन्होंने कहा था कि मैं लक्ष्मण को 20 साल से जानता हूं, वह सीधे, सरल और ईमानदार व्यक्ति हैं। जिसके बाद बंगारू लक्ष्मण पार्टी के अध्यक्ष बने थे। लेकिन इसके बाद तहलका ने जो स्टिंग किया था, उसमें वह भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए थे, इस स्टिंग में वह पैसे लेते देखे गए, जिसके बाद उन्हें पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। लक्ष्मण के खिलाफ बाद में मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें वह दोषी पाए गए,जिसके बाद पार्टी ने लक्ष्मण से किनारा कर लिया था। जिस तरह से मोदी सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की बात करती है, 16 साल पहले कोविंद के इस बयान को लेकर एक बार फिर से विपक्षी दल उनपर निशाना साध सकते हैं।

धर्मांतरण के खिलाफ कानून का किया था विरोध
दलितों के लिए अपनी लड़ाई में कोविंद ने अपना समर्थन ना सिर्फ अपनी पार्टी बल्कि बाहर भी लोगों के बीच बढ़ाया, उन्होंने खुद को दलितों के लिए लड़ने वाले के तौर पर स्थापित किया। वर्ष 2003 में जब कोविंद को राज्यसभा सांसद बनाया गया तो उन्होंने कहा था कि दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए, लेकिन वह धर्मांतरण के खिलाफ के खिलाफ कानून के विरोध में थे। उन्होंने उस वक्त कहा था कि यह संविधान की मूल भावना का उल्लंघन होगा, जोकि लोगों को अपने पसंद के धर्म को मानने का अधिकार देता है।

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ईसाई और मुसलमान विदेशी हैं
कोविंद ने 2010 में सरकारी नौकरी में धार्मिक अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का विरोध किया था, उस वक्त वह भाजपा के प्रवक्ता था। लेकिन रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट ने कहा था कि भाषा के आधार पर पिछड़े और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी में 15 फीसदी का आरक्षण देना चाहिए। कोविंद ने इस रिपोर्ट का भी विरोध किया था। उन्होने कहा था कि इस्लाम और ईसाई धर्म को अल्पसंख्यकों में रखने से संविधान का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा था कि भारत के लिए ईसाई और मुसलमान विदेशी हैं।

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English summary
Islam, Christianity alien to nation, Ram Nath Kovind had said in 2010. There are many interesting facts about Kovind who is currently the Governor of Bihar,
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