अमित शाह 2019 में पश्चिम बंगाल की इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव, पीएम मोदी ने भी किया ओडिशा का रुख
Recommended Video
नई दिल्ली। क्या भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अगले लोकसभा चुनावों में कोलकाता उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को मैदान बनाने की योजना बना रही है? आनंद बाजार पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी अटकलें चल रही हैं कि भगवा पार्टी कोलकाता उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से अपने हेवीवेट अध्यक्ष को चुनाव लड़ सकती है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा से चुनाव लड़ सकते हैं। अमित शाह ने बंगाल से कम से कम 22 सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर दिया है।
अमित शाह उत्तर कोलकाता या आसनसोल से चुनाव लड़ सकते हैं
माना जा रहा है कि, अमित शाह उत्तर कोलकाता, हावड़ा या आसनसोल में से किसी एक सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं। आसनसोल एक सुरक्षित सीट है क्योंकि वहां से पहली बार ही सांसद का चुनाव लड़कर गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो ने 2014 के आम चुनाव में जीत दर्ज की है। बीजेपी आज भी इस लोकसभा में मजबूत स्थिति में हैं। बीजेपी दो पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर नजर रख रही है, जो एक साथ लोकसभा में 63 सांसद भेजती है। 2014 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में 42 में से केवल दो सीटों और ओडिशा में 21 में से एक सीट जीती थी।
बीजेपी की नजर डबल स्ट्राइक पर
आगामी आम चुनाव मद्देनजर इस बार बीजेपी इन दो राज्यों से अपने दो शीर्ष नेताओं को यहां से मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है । अटकलें हैं कि मोदी उड़ीसा में पुरी से चुनाव लड़ सकते थे (उन्होंने पिछली बार यूपी में एक और पवित्र शहर वाराणसी से चुनाव लड़ा था)। चूंकि तटीय शहर में लोकसभा चुनाव के समय ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं इस लिए बीजेपी की नजर डबल स्ट्राइक पर है।
बीजेपी को यहां पर अच्छा करने की संभावना
अमित शाह के लिए बंगाल में दो सीटें चुनी गई है इनमें एक आसनसोल है। पिछले चुनाव मेंबीजेपी ने यहां पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। यहां बीजेपी को 17 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। बीजेपी का मानना है कि, अगर शाह यहां से चुनाव लड़ते हैं तो इस वोटिंग शेयर में काफी इजाफा होगा। अगर बात उत्तरी कोलकाता की करें तो यहां पर बड़ी संख्या में गैर बंगाली अबादी है। और 2014 चुनाव में बीजेपी ने यहां पर काफी शानदार प्रदर्शन किया था। इस लिहाज से बीजेपी को यहां पर अच्छा करने की संभावना है।
Statue of Unity के अनावरण के वक्त मौजूद रहे सरदार पटेल के परिवार के लोग और रिश्तेदार
उत्तरी कोलकाता में जीत के आसार
200 9 में, टीएमसी और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार को कोलकाता उत्तरी निर्वाचन क्षेत्र में 52.4 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि बीजेपी सिर्फ चार प्रतिशत वोट-शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही। सीपीआई (एम) 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दूसरा रही थी। विजेता उम्मीदवार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1.09 लाख मतों से पराजित किया। भाजपा उम्मीदवार ने सिर्फ 37,044 मत ही मिले थे। लेकिन 2014 में, टीएमसी इस सीट को जीता लेकिन इस बार, परिणाम काफी अलग थे। विजेता उम्मीदवार को वोट-शेयर केवल 36 प्रतिशत (कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं हुआ), बीजेपी 26 फीसदी वोट हिस्सेदारी के साथ दूसरा स्थान रही, जबकि मार्जिन 96,226 वोट पर आ गया। सीपीआई (एम) 21 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही।
पीएम के सवाल पर बोले मल्लिकार्जुन खड़गे- 'राहुल-सोनिया गांधी मेरे नेता, जो भी कहेंगे मैं मानूंगा'