केरल: UAE से लौटे शख्स को हुआ मंकीपॉक्स, भारत में पहला मामला
कोरोना लहर के बीच केरल में एक शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे हैं। बताया जा रहा है कि मंकीपॉक्स की पुष्टि के लिए व्यक्ति का सैंपल पुणे के लैब में भेजा गया है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई : कोरोना लहर के बीच केरल में एक शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे थे। जिसके बाद मंकीपॉक्स की पुष्टि के लिए व्यक्ति का सैंपल पुणे के लैब में भेजे गए थे। लैब में शख्स के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि की है। यह भारत में मंकीपॉक्स के पहला मामला रिपोर्ट हुआ है। व्यक्ति संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से केरल पहुंचा है। उसे तेज बुखार है। केरल में इस मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
क्या बोलीं स्वास्थ्य मंत्री
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि, मंकीपॉक्स का पॉजिटिव मामला सामने आया है। वह यूएई का एक यात्री है। वह 12 जुलाई को केरल पहुंचा था। वह त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे पर पहुंचा था। डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी कदम उठाए जा रहे हैं। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने मंकी पॉक्स पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रोगी की हालत काफी स्थिर है। प्राथमिक संपर्कों की पहचान की जाती है - उसके पिता, माता, टैक्सी चालक, ऑटो चालक, और उसी उड़ान के 11 यात्री जो बगल की सीटों पर थे।
who की बढ़ी चिंता
वहीं मंकीपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सतर्क है। इस वायरस ने एक बार फिर डब्ल्यूएचओ की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना महामारी से सबक लेते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन अब मंकीपॉक्स को लेकर कोइ भी रिस्क नहीं लेना चाहता। इसको लेकर अब कोई चूक नहीं करना चाहता।
कई देशों में आ चुका है मामला
बता दें मंकीपॉक्स अफ्रीका के कुछ हिस्सों में स्थानिक है लेकिन हाल के महीनों में उन देशों और दुनिया के बाकी हिस्सों में अधिक मामले सामने आए हैं। वायरस फ्लू जैसे लक्षण और त्वचा के घावों का कारण बनता है, और निकट संपर्क से फैलता है।
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सबसे अधिक मौत
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लगभग 3-6 प्रतिशत मामलों में इसे घातक माना जाता है, हालांकि अफ्रीका के बाहर प्रकोप में अभी तक कोई मौत नहीं हुई। इस साल सबसे ज्यादा मौतें डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में हुईं।
क्या बोले who के महानिदेशक
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा था कि यह प्रतिक्रिया को आगे बढ़ाने पर विचार करने का समय है क्योंकि वायरस असामान्य रूप से व्यवहार कर रहा है, अधिक देश प्रभावित हैं, और अंतर्राष्ट्रीय समन्वय की आवश्यकता है। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के आपात निदेशक इब्राहिमा सोसे फॉल ने कहा था कि हम तब तक इंतजार नहीं करना चाहते जब तक कि स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो जाए!
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