मुंबई हमलों में हेडली की मदद करने वाले तहव्वुर के प्रत्यर्पण की कोशिश में सरकार
नई दिल्ली। भारत सरकार लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। बता दें कि तहव्वुर वही शख्स है जिसने मुंबई के 26/11 हमलों में आरोपी डेविड हेडल की मदद की थी।
राणा के प्रत्यर्पण के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम अमेरिका गई है। दरअसल, यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को डेविड हेडली की कस्टडी नहीं मिल पाई थी।
14 साल की जेल काट रहा है राणा
बता दें कि राणा अमेरिका में 14 साल की जेल की सजा काट रहा है। उस पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा को मदद की थी।
भारतीय अधिकारी अगस्त के पहले सप्ताह में अमेरिका गए थे। राणा 2009 से जेल में है। उसे 2013 में एक अमेरिकी जिला अदालत द्वारा 14 साल की सजा सुनाई गई थी।
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इस 14 साल की सजा में वो समय भी सम्मिलित होगा जिसमें वो पहले ही जेल में रह चुका है।
अमेरिकी कानून में एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती है, जिसके चलते भारत ने एक बार फिर राणा के प्रत्यर्पण के लिए कदम उठाया है।
ये हैं राणा पर आरोप
राणा पर भारत में आरोप है कि वो दिल्ली के नेशनल डिफेन्स कॉलेज और छाबड़ हाउस पर हमला करने की योजना बना रहा था।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 'अगले 6 साल बाद राणा अमेरिकी जेल से बाहर आ जाएगा ऐसा होने से पहले में 26/11 के मुंबई हमलों की जांच करने के लिए उसकी कस्टडी चाहिए होगी।'
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भारत ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों से उसी समय बात की थी कि जब राजनाथ सिंह इसी साल जुलाई में अमेरिकी दौरे पर जाने वाले थे, लेकिन कश्मीर में हुई हिंसा के चलते उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा था।
अमेरिका ने दिए हैं कागजातों के नए सेट
अधिकारी ने यह भी बताया कि 'अमेरिका ने भारत को कागजातों के नए सेट दिए हैं जिसमें भारत में राणा द्वारा आतंक फैलाने के षड़यंत्रों में उसके रोल का जिक्र है। हमने अमेरिका को इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि हम राणा को नए आधार पर भारत लाएंगे और उनके डबल जेपर्डी के परिच्छेद पर असर नहीं पड़ने देंगे।'
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बता दें कि अमेरिका में डबल जेपर्डी से आशय कानून की उस धारा से है जिसमें किसी भी आरोपी को एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती।
एनआईए ने इसी साल मार्च में राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों को नया प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा है। गौरतलब है कि राणा शिकागो का एक व्यवसायी है और उसने अपने स्कूल के दोस्त पाकिस्तान के हेडली को मुंबई में इमीग्रेशन फर्म खोलने में मदद की थी।