मुसलमानों के नाम पर बेनकाब हुए इमरान.....चीन के उइगर मुस्लिमों पर बेशर्म हुई जुबान
नई दिल्ली- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मुसलमानों को लेकर अपना असली चेहरा दिखा दिया है। वे कश्मीर के नाम पर अपनी नाकामियों को दबाने के लिए पूरी दुनिया के मुसलमानों को उकसाने और भड़काने की चालें तो चल रहे हैं, लेकिन जब बात चीन के उइगर मुसलमानों की समस्या को लेकर उठी है तो वे कह रहे हैं कि उनके बारे में जानने की उनको फुर्सत ही नहीं है। जब भारत ने अपने एक प्रदेश में संवैधानिक बदलाव किए तो इमरान को दुनिया भर में छाती पीटने के लिए बहुत टाइम मिला। दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तानी आवाम की चिंता करना भी वे कश्मीर के नाम पर भूल गए। लेकिन, जब बात चीन का असली चेहरा दुनिया के मुसलमानों और सभ्य समाज के सामने लाने का उठा तो इमरान और पाकिस्तान ने अपना असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में ये बात फिर से जाहिर हो गई है कि मुसलमान-मुसलमान का राग अलापने वाले इमरान या पाकिस्तान के हुक्कमरानों का असल मकसद क्या है। वे तब ही मुसलमानों की याद करते हैं, जब उन्हें उनके नाम पर कोई राजनीति करनी होती है। बाकी मुसलमानों पर चाहे कुछ भी गुजरे, उन्हें उनके साथ कोई हमदर्दी नहीं होती। खासकर जब मामला चीन से जुड़ा होता है तब तो उन्हें सांप ही सूंघने लगता है।
उइगर मुसलमानों के बारे में नहीं पता- इमरान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वे कश्मीर और पाकिस्तान की आतंरकि समस्याओं को लेकर इतने व्यस्त चल रहे हैं कि उइगर मुसलमानों के साथ चीन क्या कर रहा है इसके बारे में उन्हें कुछ भी नहीं पता। उन्होंने साफ कहा है चीन में उइगर मुसलमानों के साथ क्या बर्ताव हो रहा है, उन्हें 'सच में कुछ खास नहीं पता' है। अल जजीरा चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस सवाल को यह कहकर टालने की कोशिश की है कि अभी पाकिस्तान में समस्याओं की बाढ़ आई हुई है और उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी पाकिस्तानी आवाम को संभालने की है।
उइगर मुस्लिमों के बारे में शी जिनपिंग से बात नहीं की-इमरान
दरअसल, अल जजीरा ने इमरान खान से सवाल किया था कि क्या उन्होंने उइगर मुसलमानों के मुद्दे पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की है। इसपर इमरान ने सीधे जवाब देने की बजाए कन्नी काटते हुए कहा है कि उनके पास पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था और कश्मीर मुद्दे से निपटने की जिम्मेदारी है, इसलिए नहीं किया है। इमराने खान के मुताबिक, "नहीं हमनें नहीं किया है (चीन से बात)। इस समय हम कई आंतरिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इसलिए इस समस्या के बारे में मुझे ज्यादा कुछ भी नहीं पता। उन्हें सामना करने दीजिए, जबसे हम सत्ता में आए हैं, अर्थव्यवस्था और कश्मीर समस्या से निपटने के अलावा हमारे सामने समस्याओं की बाढ़ आई हुई है। "
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इमरान का असली चेहरा देख ले मुसलमान
जब इमरान खान से सीधे-सीधे सवाल पूछ लिया गया कि उइगर मुसलमानों पर चीन में हो रहे अत्याचारों को लेकर उनकी भी आलोचना हो रही है, क्योंकि उन्होंने इसपर कोई बयान तक जारी नहीं किया है। इसपर इमरान खान ने फिर से अपना नापाक चेहरा दिखाते हुए कहा कि, "इस समय मेरी जिम्मेदारी पाकिस्तान की जनता है। इसलिए मेरा पहला प्रयास अपने देश की मदद करना है।" इतना ही नहीं उइगर मुसलमानों के साथ चीन में हो रही बर्बरता को झुठलाते हुए इमरान ने यहां तक कह दिया कि, "मैं चीन के बारे में एक बात कहूंगा। पाकिस्तान के लिए चीन बेस्ट फ्रेंड है।" यानि, इमरान खान ने अपनी नापाक जुबान से यह बात कबूल कर ली है कि उनके लिए मुसलमान-मुसलमान में फर्क है। जिस कश्मीरी मुसलमान के नाम पर पाकिस्तानी हुक्कमरानों को सत्ता की चाबी मिलती है, उसके लिए तो वे घड़ियाली आंसू बहाते हैं, लेकिन जिस मुसलमानों के उत्पीड़न पर चुप रहने के लिए चीन पैसों से उनकी जुबान बंद कर देता है, उसपर वे डकार लेने की भी हिम्मत नहीं दिखाते।
अब बेशर्मी में ही लुत्फ उठाने लगे हैं इमरान
हद तो ये हो गई है कि अब इमरान खान को अपनी बेशर्मी में ही लुत्फ उठाने की आदत पड़ती जा रही है। ये बात तब सामने आई जब उनसे पूछा गया कि उनके आलोचकों ने उनके हालिया हरकतों के लिए उन्हें 'यू-टर्न इमरान' कहना शुरू कर दिया है, तो उन्होंने बहुत ही गर्व से बताया कि उन्हें ऐसा सुनकर बहुत ही अच्छा लगने लगा है। इमरान के मुताबिक, "मुझे खुशी है कि वे मुझे यू-टर्न प्रधानमंत्री कहते हैं। सिर्फ इडियट ही कोई यू-टर्न नहीं लेता...." उन्होंने कहा कि 'सिर्फ मूर्ख ही ईंट की दीवार सामने पड़ने पर भी उसमें सिर मारता है। एक चतुर शख्स तुरंत अपनी रणनीति बदल लेता है और दूसरा रास्ता ले लेता है।' उन्होंने फिर दोहराया कि मौजूदा हालात में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान जंग की शुरुआत कभी नहीं करेगा।' अलबत्ता इमरान से ये नहीं पूछा गया कि इसपर भी वे यू-टर्न नहीं लेंगे इसकी क्या गारंटी है?
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